राष्ट्रवाद नकारात्मक नहीं होता है, भारत एक राष्ट्रवादी भावना वाला देश-जयशंकर
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड इकोनामिक फोरम में बोल रहे थे। यहां पर उन्होंने एक बार फिर अपने सख्त तेवरों से लोगों को रूबरू करवाया। जयशंकर ने राष्ट्रवाद पर कई बातें कहीं और कहा कि यह कोई नकारात्मक भावना नहीं है। जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार एक राष्ट्रवादी सरकार है और दुनिया में हर देश के साथ बात करने के लिए तैयार है। किसी भी देश के साथ आपसी संपर्क बढ़ाने में हमें कोई आपत्ति नहीं है।
आर्थिक महत्वकांक्षाएं भी जरूरी
विदेश मंत्री जयशंकर के मुताबिक इस बात में कोई शक नहीं होना चाहिए भारत एक राष्ट्रवादी देश है। राष्ट्रवाद के बावजूद आर्थिक महत्वकांक्षाओं को रुकने नहीं दिया जाएगा। जयशंकर के शब्दों में, 'भारत एक अपवाद है क्योंकि हम बहुत ज्यादा राष्ट्रवादी हैं। लेकिन इसके साथ ही साथ हमें इस बात को लेकर राष्ट्रवादी होने और अंतरराष्ट्रीय होने के बीच किसी तरह का कोई तनाव नजर नहीं आता है। अगर दुनिया के साथ वार्ता की बात की जाए तो उसमें भी कोई तनाव नहीं है। मुझे नहीं लगता है कि राष्ट्रवाद एक नकरात्मक संवदेना है।'
पाकिस्तान का जिक्र
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे समझौते हैं जहां पर भारत न सिर्फ अपने हितों के लिए आगे आता बल्कि विकासशील दुनिया का भी ध्यान रखता है जैसे कि ट्रेड और क्लाइमेट चेंज। जयशंकर के मुताबिक यह एक प्रकार 'आर्थिक राष्ट्रवाद' है। क्षेत्रीय सहयोग पर विदेश मंत्री की मानें तो यह अभी तक काफी अच्छा है। बस पड़ोस में एक ही देश है जो इसमें कोई सहयोग नहीं कर रहा है। जयशंकर ने कहा, 'पूरा पड़ोस बस एक देश को हटाकर, क्षेत्रीय सहयोग में काफी अच्छा है।'
कश्मीर पर क्या बोले जयशंकर
कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री से कश्मीर पर भी सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा कि अपने अमेरिका दौरे पर वह इस मसले पर बहुत विस्तार बात कर चुके हैं। वह अमेरिका में लोगों को बता चुके हैं कि कैसे आर्टिकल 370 जो जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता था, सिर्फ एक अस्थायी कानून था। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे इस कानून के हटने के बाद कश्मीर के लोगों को कई योजनाओं का फायदा मिल सकेगा।