हिंदी को देश की भाषा बनाने की चर्चा के बीच जयराम रमेश का बड़ा बयान
नई दिल्ली। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने जिस तरह से एक भाषा को भारत की पहचान बनाने की बात कही थी, उसकी विपक्षी दल जमकर आलोचना कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मत्री जयराम रमेश ने शाह पर हमला बोलते हुए कहा कि यह कभी भी नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर हर रोज हमले होते हैं, उनकी विरासत को कमतर करने की कोशिश होती है, लेकिन अगर उनके विचारों को भूला दिया गया तो भारत की परिकल्पना हमेशा के लिए मर जाएगी।
जयराम रमेश ने कहा कि हमारे पास वन नेशन वन टैक्स हो सकता है, लेकिन देश की एक भाषा यह कभी नहीं हो सकता है। हम एक राष्ट्र हैं, लेकिन इसकी कई भाषाएं हैं, हम एक देश में कई देश हैं। उन्होंने कहा कि मैंने एक मिनट के भीतर तीन भाषाओं में बात की, यह सिर्फ लोगों को एक संदेश देने के लिए किया है। एक राष्ट्र, एक टैक्स, एक राष्ट्र, एक चुनाव हो सकता है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में एक देश एक संस्कृति, एक देश एक भाषा नहीं हो सकता है।
बता दें कि अमित शाह ने कहा था कि हिंदी भाषा में देश को एक सूत्र में बांधने की काबिलियत है। देश में एक भाषा की जरूरत है जोकि दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व करे। हिंदी दिवस के मौके पर अमित शाह ने कहा कि हिंदी अधिकतर बोले जाने वालों की भाषा है और यह देश को एक सूत्र में बांध सकती है। यही नहीं अमित शाह ने अपील की है हिंदी को प्राथमिक भाषा बनाया जा सकता है, उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि कोई भाषा देश का प्रतिनिधित्व करे।
अमित शाह ने कहा कि भारत अनेक भाषाओं का देश है, हर भाषा की अपनी महत्ता है, लेकिन यह बहुत जरूरी है एक भाषा होनी चाहिए जो दुनिया में देश का प्रतिनिधित्व करे। आज अगर कोई भाषा है जो देश को एकजुट कर सकती है तो वह सबसे अधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा है। अमित शाह ने ट्वीट करके हिंदी भाषा को देश की भाषा बनाने का इशारा किया। अमित शाह ने ट्वीट करके लिखा, भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है।