अदनान सामी के खिलाफ अब संत समाज ने खोला मोर्चा, कहा- जिसके बाप ने भारत पर गोले दागे, उसे पद्मश्री क्यों?
जयपुर। मशहूर सिंगर अदनान सामी को भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान दिए जाने को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है, अब उनके खिलाफ राजस्थान के एक संत समाज ने मोर्चा खोल दिया है, जयपुर में संत समाज के (पीठाधीश्वर) सौरभ राघवेंद्र ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि अदनान सामी, वह व्यक्ति जिसको भारत में आए हुए, भारत की नागरिकता मिले हुए अभी 6 वर्ष भी पूरे नहीं हुए और उसको पदमश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है, ये कितने दुख की बाात है।
अदनान सामी के खिलाफ अब संत समाज ने खोला मोर्चा
सौरभ राघवेंद्र ने ये भी कहा कि अदनान सामी के पिता ने हमारे देश के खिलाफ युद्ध लड़ा था, पाकिस्तान की ओर से हमारे देश में गोले दागे, उस व्यक्ति के खिलाफ हम आज यह आवाज उठा रहे हैं, हम अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार नहीं देने के लिए बार-बार सरकार से गुहार लगा रहे हैं, हम इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
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क्या अदनान सामी ने एक कार्य भी देशभक्ति के लिए किया है?
सौरभ राघवेंद्र ने कहा ने कहा कि 116 लोग पद्मश्री अवॉड के लिए मनोनीत किए गए, लिस्ट में शामिल किए गए लेकिन मुझे और किसी नाम के लिए आपत्ति नहीं आई... एक से बढ़कर एक लोग हैं लेकिन अदनान सामी? मैं आप लोगों से भी पूछना चाहता हूं कि क्या अदनान सामी ने एक कार्य भी देशभक्ति के लिए किया है, उन्हें ये अवार्ड क्यों दिया जा रहा है?
साल 2016 में भारत सरकार ने अदनान सामी को नागरिकता दी थी...
गौरतलब है कि साल 2016 में भारत सरकार ने अदनान सामी को नागरिकता दी थी। सामी साल 2011 से देश में रह रहे थे। अदनान के पिता अरशद सामी खान, पाकिस्तान एयरफोर्स के पायलट थे। अरशद ने भारत के खिलाफ 1965 और फिर 1971 की जंग में हिस्सा लिया था।
'मेरे पिता पुरस्कृत लड़ाकू पायलट थे और एक पेशेवर सैनिक थे'
अपने खिलाफ हो रही बयानबाजी पर सिंगर सामी ने कहा था कि मेरे पिता पुरस्कृत लड़ाकू पायलट थे और एक पेशेवर सैनिक थे, उन्होंने अपने देश के प्रति अपना फर्ज निभाया,उसके लिए मैं उनका सम्मान करता हूं,मैंने उसका लाभ नहीं लिया और ना ही श्रेय लिया, ठीक इसी प्रकार से जो कुछ मैं करता हूं उसका श्रेय उन्हें (पिता) को नहीं दिया जा सकता है। मुझे पद्मश्री मिलने से मेरे पिता का क्या लेना-देना? ये गैरजरूरी है।
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