VIDEO: मुनि श्री तरुण सागर जी महाराज ने ऐसे त्यागे प्राण
नई दिल्ली। जैन समुदाय के धर्म गुरु और भारत के दिगंबर मुनि तरुण सागर का शनिवार को निधन हो गया। मुनि बनने के बाद निर्वस्त्र रहने वाले तरुण सागर लंबे समय तक पीलिया से ग्रसित थे। बीमार रहने के कारण उन्होंने खान पीना भी छोड़ दिया था। 51 साल की उम्र में दुनिया छोड़ने वाले तरुण सागर जैन समुदाय से ताल्लुक रखते थे। तरुण सागर ने अपना पूरा जीवन ही प्रवचन में गुजार दिया।
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तरुण सागर के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थनाएं की जा रही थीं लेकिन उन्होंने आज अपना शरीर त्याग दिया। तरुण सागर महाराज के निधन के बाद उनके प्रवास स्थल पर अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी। जैन मुनि के गुरु पुष्पदंत सागर महाराज ने एक वीडियो जारी कर पहले ही बता दिया था कि तरुण सागर की हालत गंभीर बनी हुई है। एक पत्र के जरिए मुनि सौरभ सागर और अरुण सागर से दिल्ली पहुंच तरुण सागर की समाधि में सहयोग करने के लिए कहा गया था।
बीमारी के कारण जैन मुनि ने खाना-पीना छोड़ दिया था और संल्लेखना (खानपान छोड़कर शरीर त्यागना) कर रहे थे। वो आगे इलाज भी नहीं कराना चाहते थे। उन्होंने डॉक्टरों से दिल्ली के कृष्णा नगर स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल पर जाने को कहा था, जिसके बाद वे अपने अनुयायियों के साथ गुरुवार शाम चातुर्मास स्थल आ गए थे। जैन शास्त्रों में इस तरह की मृत्यु को संथारा कहा जाता है। इसे जीवन की अंतिम साधना भी कहा जाता है।
वहीं, पीएम मोदी सहित कई राजनैतिक हस्तियों ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने ट्विटर पर मुनि तरुण सागर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा कि उनके आदर्शों और समाज में उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। गृहमंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी जैन मुनि के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त की।
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