आंध्र प्रदेश में प्रदर्शन, कर्फ्यू, नॉर्थ इंडियंस प्रभावित
तेलंगाना को अलग किये जाने का विरोध विजयवाड़ा में तेज हो गया, जब वाईएसआर के समर्थकों ने सड़कें जाम कर दीं और जगह-जगह आगजनी की। साथ ही र्टेनें भी रोकीं। जगन का अनशन शनिवार को शुरू हुआ था। अनशन शुरू करते वक्त जगन ने कहा था कि यूपीए चीफ सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिये आंध्र प्रदेश के टुकड़े कर दिये। आज राज्य का जो भी हाल है, वो सोनिया की वजह से है।
सीमांध्रा में बत्ती गुल
समुद्री सीमा से लगे रायलसीमा सहिम कोस्टल आंध्र प्रदेश में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले गये हैं। इस वजह से छह जिले अंधेरे में डूब गये हैं। इस वजह से भी ट्रेनें कैंसल करनी पड़ीं। आंध्र प्रदेश के 100 से ज्यादा गांव अंधेरे में डूब गये हैं। असल में सीमांध्रा बिजली कर्मचारी यूनियन के नेतृत्व में 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर हैं।
विजयनगरम में कर्फ्यू
केन्द्रीय मंत्रिमंडल के राज्य विभाजन के फैसले के बाद विजयनगरम में हिंसा भड़क गई। हिंसा को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने शनिवार की रात अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया था। शहर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए रविवार सुबह लोग सड़कों पर उतर आए और पुलिस कर्मियों पर पत्थर फेंके। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों, खासतौर से कोटा के छोटे व्यापारियों पर पर बैटन चार्ज लगाया है।
राज्य विभाजन को रोकने में विफलता का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने उनकी संपत्तियां क्षतिग्रस्त कर दी थी। इसके चलते राज्य में कांग्रेस प्रमुख बोत्सा सत्यनारायण के घर पर अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई। सत्यनारायण की अन्य संपत्तियों और परिवार के सदस्यों की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असामाजिक तत्व हिंसा और लूटपाट में लिप्त थे। उन्होंने बताया कि जब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ जाती, कर्फ्यू जारी रहेगा।
ट्रेनें लेट हुईं
आंध्र में बवाल की वजह से तमाम ट्रेनें लेट चल रही हैं। खास तौर से वो ट्रेनें जो उत्तर से दक्षिण की ओर जाती हैं, वो भी आंध्र प्रदेश के कुछ जिलों से होते हुए। ये सभी ट्रेनें झांसी, नागपुर, विजयवाड़ा, बल्हारशाह, काजीपेट, आदि शहरों से होकर गुजरती हैं। इन ट्रेनों में अधिकांश लोग उत्तर भारतीय होते हैं, जो तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, आदि राज्यों में रह रहे हैं व नौकरी कर रहे हैं। खास बात यह है कि दशहरे की छुट्टियों की वजह से ट्रेनों में भीड़ भी ज्यादा है।