J&K: कश्मीर में क्यों नहीं चलता मोबाइल का प्री-पेड कनेक्शन, क्या 31 अक्टूबर के बाद चलेगा ?
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सोमवार से मोबाइल फोन की घंटी बजनी शुरू हो गई। जैसे ही दोपहर के 12 बजे करीब 70 दिन के बाद लोगों की मोबाइल स्क्रीन इनकमिंग कॉल्स से चमकने लगी। पांच अगस्त को जब जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने का फैसला लिया गया था तो उस समय से ही यहां पर मोबाइल सर्विसेज पर बैन लगा था। प्री-पेड सर्विसेज पर प्रतिबंध लगे हुए हैं तो वहीं इंटरनेट पर भी बैन जारी है। सब्सक्राइबर्स को यह बात बता दी गई है कि उन्हें इंटरनेट के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। जम्मू कश्मीर घाटी में प्री-पेड मोबाइल सर्विसेज का समीकरण देश के बाकी हिस्सों से काफी अलग है। 31 अक्टूबर को एक नोटिफिकेशन जारी होगा और जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो हिस्सों में बंट जाएंगे। माना जा रहा है कि तब यहां पर प्री-पेड मोबाइल सर्विसेज के लिए नियम बदल सकते हैं।
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घाटी में मोबाइल सर्विसेज का गणित
- जम्मू कश्मीर घाटी में मोबाइल सर्विसेज की शुरुआत साल 2004 में हुई थी।
- एयरटेल सबसे पहला सर्विस प्रोवाइडर बना था और 66 लाख लोग मोबाइल का प्रयोग करते हैं।
- पोस्टपेड मोबाइल सर्विस के करीब 40 लाख उपभोक्ता हैं और बाकी प्री-पेड मोबाइल यूजर्स।
- अगर आप किसी और राज्य के निवासी हैं और आपके पास प्री-पेड मोबाइल नंबर है तो आपका नंबर जम्मू कश्मीर में काम नहीं करेगा।
- यहां पर प्री-पेड मोबाइल पर रोमिंग की सुविधा नहीं दी गई है और सिर्फ पोस्ट पेड ग्राहक ही रोमिंग का फायदा उठा सकते हैं।
- कश्मीर घाटी में प्री-पेड मोबाइल कनेक्शन मिलते हैं मगर यहां पर दूसरे राज्यों के प्री-पेड सिम काम नहीं करते हैं।
- प्री-पेड या पोस्ट पेड मोबाइल कनेक्शन लेने के लिए यहां पर लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड या फिर मैट्रिक की मार्कशीट या फिर स्कूल का आईडी कार्ड दिखाना होता है।
- अगर आपने जम्मू कश्मीर में प्री-पेड मोबाइन कनेक्शन लिया है तो फिर राज्य के बाहर आपका सिम काम नहीं करेगा।
- लेकिन सिर्फ श्रीनगर में प्री-पेड मोबाइल ग्राहकों को यह सुविधा दी गई है कि वे रोमिंग पर अपने नंबर का प्रयोग कर सकते हैं।
- सुरक्षा वजहों से प्री-पेड मोबइल को बंद किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि 31 अक्टूबर को यह स्थिति बदल सकती है।
- प्री-पेड मोबाइल कनेक्शन पर इंटरनेट की सुविधा करीब छह माह पहले से बंद कर दी गई है। वर्तमान समय में इंटरनेट पोस्टपेड पर भी नहीं चलेगा।
कुछ पर्यटन स्थलों पर इंटरनेट भी चालू
जम्मू कश्मीर सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने द टेलीग्राफ को बताया कि प्री-पेड मोबाइल सर्विसेज और इंटरनेट पर बैन जारी रहेगा। हालांकि कुछ पर्यटन स्थलों पर इंटरनेट को चालू किया जा रहा है। घाटी में 44,000 लैंडलाइन फोन को पहले ही चालू किया जा चुका है। कंसल ने कहा कि अब जबकि पोस्टपेड सर्विसेज शुरू हो गई हैं, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब छात्र, स्कूल में रहते हुए अपने माता-पिता से संपर्क कर सकते हैं, व्यवसायी, कस्टमर्स से कॉन्टेक्ट कर सकते हैं और ट्रांसपोर्टर्स को भी स्टाफ से कॉन्टैक्ट करने में आसानी होगी।
क्यों लिया सरकार ने यह फैसला
अधिकारियों ने बताया है कि पोस्ट पेड मोबाइल सर्विसेज के लिए ग्राहकों को एक जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। घाटी में 66 लाख लोग मोबाइल का प्रयोग करते हैं। इनमें से पोस्टपेड मोबाइल सर्विस के करीब 40 लाख उपभोक्ता हैं। यह फैसला केद्र सरकार की ओर से जारी उस एडवाइजरी के दो दिन बाद लिया गया है जिसमें घाटी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। ट्रैवेल एसोसिएशन संगठन की ओर से राज्य प्रशासन से कहा गया था कि जब तक मोबाइल सर्विस चालू नहीं होगी, कोई भी पर्यटक यहां नहीं आना चाहेगा।
लैंड लाइन कनेक्शंस हैं ऑन
घाटी में अगस्त से ही मोबाइल फोन बंद हैं। 17 अगस्त को जम्मू कश्मीर घाटी में कुछ लैंडलाइन फोन को चालू किया गया था। चार सितंबर को यहां पर सभी लैंडलाइन फोन चालू कर दिए गए थे। जम्मू में मोबाइल फोन सर्विस को केंद्र सरकार के फैसले के कुछ दिन बाद ही ऑन कर दिया गया था। यहां पर अगस्त के मध्य में मोबाइल इंटरनेट भी काम करने लगा था। लेकिन 18 अगस्त को इसके दुरुपयोग की खबर आने के बाद मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया गया था।