अमित शाह से मुलाकात के बाद बोले J&K के सरपंच, अगले 20 दिन में शुरू होगी मोबाइल सेवा
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर में मोबाइल फोन सेवा अगले 15 से 20 दिनों में बहाल हो जाने की संभावना है। ये जानकारी गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को उनसे मुलाकात करने पहुंचे जम्मू-कश्मीर के सरपंचों और पंचायत सदस्यों को दी है। खबरों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के करीब 100 लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री से दिल्ली में मुलाकात की है। इस बैठक के दौरान गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इसके अलावा गृहमंत्री ने सभी पंचायत सदस्यों को घाटी में पुख्ता पुलिस सुरक्षा देने के साथ ही इंश्योरेंस कवर दिए जाने का भी आश्वासन दिया है।
घाटी में 15 से 20 दिन में मोबाइल चालू होंगे
गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गृहमंत्रालय में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न ग्रुप के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। इस दौरान गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा गृहराज्यमंत्री नित्यानंद राय और पीएमओ में राज्यमंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे। इसी बैठक में गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से आए पंचायत प्रतिनिधियों से 20 दिनों के अंदर प्रदेश में मोबाइल सेवा बहाल हो जाने का भरोसा दिया। इस मुलाकात के बाद श्रीनगर जिले के हरवन ग्राम पंचायत के सरपंच जुबेर निशाद भट्ट ने कहा कि, 'गृहमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि जम्मू और कश्मीर में अगले 15-20 दिनों में मोबाइल फोन सेवा बहाल कर दी जाएगी।' बता दें कि पिछले 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने वहां पर मोबाइल सेवा पूरी तरह से निलंबित कर दिया था। हालांकि, सरकार ने पिछले महीने ही घाटी के कुछ हिस्से के लोगों को कई पाबंदियों से राहत दी थी, जिसमें कुछ इलाकों में लैंड लाइन फोन की बहाली भी शामिल है।
जम्मू-कश्मीर के पंचायत सदस्यों को मिलेगी सुरक्षा
इससे पहले सोमवार को जम्मू-कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोहित कंसल ने कहा था कि जम्मू और लद्दाख से 93 फीसदी पाबंदियां हटा ली गई हैं और जम्मू के सभी 10 जिलों में मोबाइल सेवा भी बहाल कर दी गई है। जानकारी के मुताबिक गृहमंत्री ने जम्मू-कश्मीर से आए सरपंचों और पंचायत सदस्यों से कहा है कि सरकार उन्हें पुलिस सुरक्षा देगी और 2 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर भी दिया जाएगा। कुपवाड़ा से आए एक सरपंच मीर जुनैद ने बताया कि, 'हमने गृहमंत्री से हमारे लिए सुरक्षा मुहैया कराने की गुजारिश की और उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि प्रशासन हमें सुरक्षा उपलब्ध कराएगा।' जम्मू-कश्मीर में पिछले साल ही 6 साल के अंतर के बाद पंचायत चुनाव कराया गया था।
शाह ने कहा कि प्रदेश में विकास का रास्ता खुला है
बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र के फैसले को सही ठहराते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि यह धारा जम्मू-कश्मीर और भारत के बीच रोडब्लॉकिंग का काम कर रहे थे। लेकिन देश के लोगों द्वारा दिए गए भारी जनादेश से प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे कार्यकाल के पहले सत्र में ही इसे निरस्त कर दिया। गृहमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने वाले कदम ने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए रास्ता खोल दिया है। उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद के ताबूत में आखिरी कील थी। उन्होंने कहा कि इस फैसले का समर्थन सभी नागरिकों ने किया है। बात दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए उनकी सरकार को कदमों को सही ठहराया था और कहा था कि सरकार ने निर्णय पूरी तरह से लोकतांत्रिक, खुले, पारदर्शी और संवैधानिक तरीके से लिया।
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