जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को पहली बार इस बैठक में शामिल होने का मिलेगा मौका, गृहमंत्री करेंगे अध्यक्षता
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर और लद्दाक 31 अक्टूबर से औपचारिक तौर पर दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश का शक्ल अख्तियार करने जा रहे हैं। लेकिन, उससे पहले ही उन्हें पहली बार 29वें नॉर्दर्न जोनल काउंसिल की बैठक में शामिल होने का मौका मिलने वाला है। यह बैठक शुक्रवार को होगी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इसकी अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाक के शामिल होने का प्रस्ताव भी शाह ने ही रखा है। 20 सितंबर को नॉर्दर्न जोनल काउंसिल की ये बैठक चंडीगढ़ में आयोजित होगी और काउंसिल के उपाध्यक्ष के तौर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस बैठक की मेजबानी करेंगे।
बता दें कि नॉर्दर्न जोनल काउंसिल में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्य शामिल हैं, जबकि इसमें केंद्र शासित प्रदेश के रूप में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को भी सदस्यता मिली हुई है। अब नए प्रस्ताव के मुताबिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाक भी इसमें केंद्र शासित प्रदेश की हैसियत से हिस्सा लेने वाले हैं। इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा वहां के दो-दो मंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक, मुख्य सचिव, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।
काउंसिल की बैठक में क्षेत्र से संबंधित उन मुद्दों पर बात होती है, जिसमें संबंधित राज्यों और केंद्र से संबंधित कोई मसला होता है। इसके एजेंडे में सीमा विवाद, सुरक्षा, रोड, ट्रांसपोर्ट, उद्योग, पानी और बिजली जैसे विषय शामिल होते हैं। इसके अलावा वन एवं पर्यावरण, आवास, शिक्षा, खाद्य सुरक्षा और पर्यटन से संबंधित मामलों पर भी चर्चा होती है।
राज्य पुनर्गठन कानून, 1956 की धारा- 15 से 22 के तहत 1957 में देश में पांच क्षेत्रीय परिषद बनाए गए थे। केंद्रीय गृहमंत्री इन सभी क्षेत्रीय परिषदों के अध्यक्ष होते हैं और जिस राज्य में बैठक होती है, वहां के मुख्यमंत्री इसके पदेन उपाध्यक्ष होते हैं और वही इसकी मेजबानी करते हैं। जबकि, राज्यों के दो मंत्रियों को सदस्य के रूप में संबंधित राज्यों के राज्यपाल नॉमिनेट करते हैं।