विधानसभा भंग होने पर बोले राज्यपाल सत्यपाल मलिक-ये गठबंधन अपवित्र था, मुझे खरीद-फरोख्त की शिकायत मिली थी
श्रीनगर। इस वक्त जम्मू-कश्मीर में सियासी घमासान मचा हुआ है, बीती रात यहां जो कुछ हुआ है उससे समूचा विपक्ष पूरी तरह से तिलमिला उठा है, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है कि इसी बीच प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे पिछले 15 दिनों से विधायकों की खरीद फरोख्त की शिकायत मिल रही थीं, मैं अपनी नियुक्ति के पहले दिन से कह रहा हूं राज्य में किसी भी तरह के हार्स ट्रेडिंग से सरकार नहीं बनने नहीं देंगे इसलिए खरीद फरोख्त को खत्म करने के लिए ही मैंने विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया।
'ये गठबंधन अपवित्र था, मुझे खरीद-फरोख्त की शिकायत मिली थी'
राज्यपाल ने कहा कि राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी मुझसे विधायकों के खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी, राज्य में एक अपवित्र सा गठबंधन बन गया था जो कि किसी भी लिहाज से सही नहीं था इसलिए मैं चाहता हूं कि अब राज्य में फिर से चुनाव हों, जिससे सरकार आम जनता की च्वाइस से बने।
यह भी पढ़ें: उमर अब्दुल्ला की राम माधव को चुनौती, हमारे पाक के इशारे पर सरकार बनाने का सबूत लेकर आएं
विधानसभा भंग किए जाने से तिलमिलाया विपक्ष
आपको बता दें कि विधानसभा भंग किए जाने पर देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी जम्मू कश्मीर के राज्यपाल पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश में कोई भी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर रहा था तब तक राज्यपाल खुश थे और उन्होंने विधानसभा को संदेह में रखा लेकिन जैसे ही किसी ने दावा पेश किया उन्होंने विधानसभा को भंग कर दिया। चिदंबरम ने कहा कि संसदीय लोकत्रंत के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
15 मिनट के भीतर जम्मू कश्मीर की विधानसभा हुई भंग
गौरतलब है कि बुधवार को महज 15 मिनट के भीतर जम्मू कश्मीर की विधानसभा को राज्यपाल ने भंग कर दिया था। यह सब ऐसे समय में हुआ जब महबूबा मुफ्ती ने 50 से अधिक विधायकों के समर्थन होने का दावा पेश किया था।
भाजपा ने साधा कांग्रेस, एनसी और पीडीपी पर हमला
एक तरफ जहां कांग्रेस जम्मू कश्मीर के राज्यपाल पर निशाना साधते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोल रही है वहीं दूसरी तरफ भाजपा कांग्रेस, एनसी और पीडीपी पर हमला बोल रही है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि पीडीपी और एनसी ने जम्मू कश्मीर में निकाय चुनाव का बहिष्कार किया था, क्योंकि उन्हें सीमा पार से निर्देश मिला था। इस बार उन्हें फिर से ताजा निर्देश मिला है कि वह साथ मिलकर सरकार बनाएं, यही वजह है कि राज्यपाल को फिर से इस पूरे विषय की समीक्षा करनी पड़ी।
कांग्रेस-पीडीपी-नेकां ने रची साजिश- बीजेपी
जम्मू कश्मीर में राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा विधानसभा भंग करने के फैसले का बीजेपी ने स्वागत किया था, जम्मू कश्मीर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा था कि राज्यपाल के इस फैसले का बीजेपी स्वागत करती है. एक बार फिर से नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), कांग्रेस और पीडीपी ने जम्मू कश्मीर में साजिश रची थी जिसके चलते जम्मू और लद्दाख के साथ अन्याय होता।
यह भी पढ़ें:Love Story: लॉ कॉलेज में शुरू हुई थी सुषमा और स्वराज की प्रेम कहानी