J&K: गवर्नर सत्यपाल मलिक बोले, अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस को कब्र में दफन कर दिया
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने अपने खिलाफ चौधरी के एक बयान के बाद उनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुआ कहा कि उन्होंने तो अपने बयान से अपनी पार्टी को ही कब्र में दफना डाला है। दरअसल, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक पर प्रदेश में राज्यपाल की तरह नहीं, बल्कि बीजेपी नेता की तरह बयान देने का आरोप लगाया था। यही नहीं जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने राहुल गांधी पर भी जमकर निशाना साधा है।
'कांग्रेस को कब्र में दफना दिया'
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के बार में कहा कि, "उन्होंने संसद में जो कहा, वह कहकर उन्होंने अपनी पार्टी को कब्र में दफन कर दिया है। अब जब भी देश में चुनाव होंगे, उन्हें कोट किया जाएगा। उनके ज्ञान पर क्या कह सकता हूं।" दरअसल, सत्यपाल मलिक ने लोकसभा में दिए गए अधीर रंजन चौधरी के एक बयान पर कटाक्ष करते हुए ये बातें कही हैं। गौरतलब है कि लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से विशेषाधिकार खत्म करने वाले विधेयक पर चर्चा के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने सवाल उठाया था कि जम्मू-कश्मीर भारत का "आंतरिक मामला" कैसे है, जबकि "यूनाइटेड नेशन इसपर 1948 से ही निगरानी कर रहा है।" तब अधीर रंजन चौधरी के बयान को कांग्रेस ने भी खारिज कर दिया था और खुद सोनिया गांधी को भी उनकी बातों से किनारा करते हुए देखा गया था। क्योंकि, चौधरी जो कुछ बोल गए थे, वह दशकों से भारत के आधिकारिक लाइन के उलट तो है ही, तथ्यों से भी परे है।
अधीर रंजन पर क्यों भड़के गवर्नर?
इससे
पहले
अधीर
रंजन
चौधरी
ने
जम्मू
कश्मीर
के
राज्यपाल
पर
आरोप
लगाया
था
कि
उन्हें
लगता
है
कि
जम्मू-कश्मीर
के
गवर्नर
को
वहां
भारतीय
जनता
पार्टी
का
अध्यक्ष
बना
देना
चाहिए,
क्योंकि
उनका
बर्ताव
और
उनके
बयान
भाजपा
नेताओं
की
तरह
हैं।
सत्यमाल
मलिक
का
ताजा
जवाब
चौधरी
के
इसी
बयान
के
बाद
आया
है।
हालांकि,
राज्यपाल
मलिक
ने
कहा
है
कि
'मैं
पूरे
समर्पण
भाव
के
साथ
अपना
काम
कर
रहा
हूं।
मैं
ऐसी
टिप्पणियों
की
परवाह
नहीं
करता।'
गवर्नर
ने
कहा
कि
वे
'कश्मीरी
जनता
की
संस्कृति,
सम्मान,
पहचान,
रोजगार
और
जमीन'
की
रक्षा
करेंगे।
राज्यपाल
ने
जम्मू-कश्मीर
की
स्थिति
के
बारे
में
कहा
कि
"पहले
जब
ऐसा
होता
था,
यहां
तक
कि
गुलाम
नबी
आजाद
के
कार्यकाल
में,
पहले
ही
हफ्ते
में
कई
लोग
मारे
जाते
थे।
हमारा
जोर
इस
बात
पर
है
कि
किसी
कश्मीरी
की
जान
नहीं
जानी
चाहिए।
हम
जल्दीबाजी
में
नहीं
हैं।
कश्मीरियों
की
जान
हमारे
लिए
बहुमूल्य
है।"
राहुल को सत्यपाल मलिक का जवाब
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने कश्मीर आने और यहां की परिस्थितियों को देखने के उनके निमंत्रण को 'नहीं खत्म होने वाला कारोबार' बना लिया। गवर्नर ने कहा है कि 'जब राहुल गांधी ने कहा था कि कश्मीर में लोग मर रहे हैं, तब मैंने उन्हें खुद से आकर देखने के लिए कहा था। लेकिन, पांच दिन तक कोई जवाब नहीं देने के बाद उन्होंने कहा कि वे लोगों को साथ लेकर जाएंगे, बंदियों से मिलेंगे, हिरासत में रखे गए लोगों से मिलेंगे। तब मैंने कहा कि शर्तों के साथ आपका आना मुझे स्वीकार नहीं है और मैंने उसे वापस ले लिया।' सत्यपाल मलिक बोले, "इसके बाद मैंने कहा, मैं इसे प्रशासन पर छोड़ता हूं कि आप अगर आना चाहते हैं और प्रशासन को लगता है कि यह सही है, तो वे इजाजत देंगे, अन्यथा नहीं।" गवर्नर ने कहा कि यह राष्ट्रहित से जुड़ा मसला है। उनके अनुसार 'जब राहुल ने जाने की योजना बनाई तो प्रशासन ने उन्हें पहले ही बता दिया कि जब हालात सामान्य हो रहे हैं, तब उनकी यात्रा का समय शांति के लिए सही नहीं है। क्योंकि, हम पाकिस्तान के खतरे को झेल रहे हैं। इसलिए, आपकी यात्रा के लिए यह सही समय नहीं है।'
गवर्नर के निशाने पर राहुल
सत्यपाल मलिक ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार ने राहुल गांधी को आगाह किया था कि पाकिस्तान उनके बयानों का गलत इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने कहा कि "और बिल्कुल ऐसा ही हुआ। लौटने के बाद उन्होंने जो कुछ भी कहा, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने ट्वीट में उसका जिक्र किया।"