J&K के राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले- फोन नहीं, कश्मीरियों की जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण
नई दिल्ली- सोमवार को जम्मू-कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं करीब 70 दिनों तक बंद रहने के बाद फिर से शुरू की गई हैं। इसी दिन प्रदेश के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कश्मीर में टेलीफोन पर लगाई गई पाबंदियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। मलिक ने कहा है कि हमारी लिए टेलीफोन से ज्यादा कश्मीरियों की जिंदगी बहुत ही ज्यादा अहम थी। उन्होंने ये भी कहा है कि फोन का इस्तेमाल आतंकवादी भी अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने के लिए करते हैं।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने सोमवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा है कि, "हमारे लिए टेलीफोन महत्वपूर्ण नहीं था, लेकिन यहां रहने वाले लोगों की जिंदगियां कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।" मलिक ने ये भी कहा कि,"लोग टेलीफोन के बिना पहले भी रहते थे, आपको समझना होगा कि टेलीफोन का इस्तेमाल आतंकवादियों को मोबलाइज करने के लिए भी होता है।"
गौरतलब है कि दो महीने तक बंद रहने के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर घाटी में सोमवार से मोबाइल पोस्टपेड सेवा शुरू कर दी है। इसपर पिछले 5 अगस्त से ही पाबंदी लगी थी, जब राज्य से आर्टिकल-370 हटाने का फैसला हुआ था। सोमवार के फैसले के बाद प्रदेश में करीब 40 लाख पोस्टपेड मोबाइल फोन काम करने लगे हैं। गवर्नर ने कहा है कि घाटी में जल्द ही इंटरनेट सेवाएं भी शुरू कर दी जाएंगी।
इससे पहले पिछले 17 अगस्त और 4 सितंबर को घाटी में करीब 50,000 लैंडलाइन सेवाएं चालू की गई थीं। हालांकि, जम्मू में यह पाबंदियां जल्द ही खत्म की जाने लगी थीं और वहां अगस्त में ही मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी शुरू कर दी गई थी। लेकिन, जब इंटरनेट सेवाओं के दुरुपयोग की जानकारी सामने आई थी तो 18 अगस्त से दोबारा मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवा रोक दी गई थी। बता दें कि आने वाले 31 अक्टूबर से औपचारिक रूप से जम्मू-कश्मीर का दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन हो रहा है, जिसमें एक जम्मू और कश्मीर, दूसरा लद्दाख होगा।
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