क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

J&K: 10 अक्टूबर से कश्मीर आने की टूरिस्ट एडवाइजरी पर क्यों भड़के टूरिज्म कारोबार से जुड़े लोग ?

Google Oneindia News

नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पर्यटकों के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें 10 अक्टूबर से घाटी आने का निमंत्रण दिया गया है। जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से ये कदम उस वक्त उठाया गया है जबकि घाटी में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदियां बदस्तूर बरकरार हैं। ऐसे में कश्मीर घाटी में मौजूद होटल कारोबारी और टूरिज्म कारोबार से जुड़े लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि बिना संचार सेवाएं बहाल हुए टूरिस्ट को घाटी आने का बुलावा देने से क्या होगा। यही वजह है कि पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग राज्य सरकार के निर्देशों का जमकर मजाक उड़ा रहे हैं कि जब वे इंटरनेट पर बुकिंग ही नहीं कर पाएंगे तो सरकार ऐसी एडवाइजरी जारी क्यों कर रही है।

मोबाइल-इंटरनेट बंद, पर्यटकों को बुलावा

मोबाइल-इंटरनेट बंद, पर्यटकों को बुलावा

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य के गृह विभाग को एक निर्देश जारी किया है। इसमें पिछले 5 अगस्त को जारी उस एडवाइजरी को वापस लेने के लिए कहा गया है, जिसमें पर्यटकों को कश्मीर घाटी छोड़ देने की सलाह दी गई थी। इसकी जगह पर अब सरकार ने सैलानियों को 10 अक्टूबर से कश्मीर की यात्रा पर आने का बुलावा दिया गया है। गौरतलब है कि 5 अगस्त को जब आर्टिकल-370 हटाया गया था, तभी टूरिस्टों को घाटी से जाने की पहली एडवाइजरी जारी की गई थी और उसी दिन से वहां पर इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी ठप पड़ी हुई हैं, जो आज भी चालू नहीं हो पाए हैं। ऐसे में टूरिज्म कारोबार से जुड़े लोग सरकार के नए निर्देश का मजाक उड़ाने लगे हैं।

जम्मू-कश्मीर सरकार के निर्देश का उड़ा मजाक

जम्मू-कश्मीर सरकार के निर्देश का उड़ा मजाक

टीओआई की खबर के मुताबिक पूरी घाटी के होटल और टूरिज्म कारोबारियों ने गवर्नर के नए निर्देशों का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जब मोबाइल और इंटरनेट काम ही नहीं कर रहे हैं तो टूरिस्ट को कश्मीर आने के लिए एडवाइजरी जारी करने का क्या मतलब है? श्रीनगर में एक हाउसबोट मालिक अब्दुल रहमान मुल्ला ने गवर्नर की ओर से घाटी आने की मनाही वाली एडवाइजरी वापस लेने पर तंज कसते हुए कहा है कि, "वे (टूरिस्ट) कश्मीर कैसे आएंगे जब मोबाइल फोन और इंटरनेट जैसी सुविधाएं ठप पड़ी हुई है?" वहीं मुस्ताक अहमद डार नाम के एक ट्रैवेल एजेंट के मुताबिक, "हम मोबाइल फोन के बिना बंद पड़े हुए हैं, क्योंकि अब हमारा कारोबार आमतौर पर इंटरनेट सेवाओं के भरोसे ही चलता है, जिसके जरिए कश्मीर यात्रा पर आने के इच्छुक लोग जानकारियां हासिल करते हैं और अपनी बुकिंग्स कराते हैं। "

 इंटरनेट के बिना अगले सीजन की बुकिंग्स में भी अड़चन

इंटरनेट के बिना अगले सीजन की बुकिंग्स में भी अड़चन

सिर्फ टूरिज्म कारोबार से जुड़े लोग ही नहीं कुछ पुलिस वाले भी सरकार के इस कदम से इत्तेफाक नहीं रखते। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने भी बिना मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं के चालू हुए सैलानियों को कश्मीर बुलाने के फैसले को हास्यास्पद बता दिया है। एक और ट्रैवेल एजेंट के मुताबिक कश्मीर में टूरिस्ट का अभी का सीजन खत्म हो चुका है और घरेलू चाहे विदेशी जो सैलानी ठंड के मौसम में कश्मीर आना चाहते हैं उनकी बुकिंग्स शुरू हो सकती है, लेकिन संचार सेवाओं के बंद रहने के चलते वह भी मुमकिन नहीं है। जाहिर है कि टूरिस्ट की किल्लत से घाटी में टूरिज्म कारोबार को काफी नुकसान हुआ है। मोहम्मद याकूब नाम के एक शिकारा मालिक की मानें तो इस नुकसान की भरपाई करने में यहां की टूरिज्म इंडस्ट्री को 3 से 4 साल तक लग जाएंगे।

जम्मू-कश्मीर: कांग्रेस ने ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल चुनाव का किया बायकॉटजम्मू-कश्मीर: कांग्रेस ने ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल चुनाव का किया बायकॉट

Comments
English summary
J&K government invites tourist to visit Kashmir from October 10, tourist bodies ridiculed directive
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X