J&K DDC Polls:भाजपा-गुपकार गठबंधन दोनों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ये चुनाव ?
नई दिल्ली- शनिवार यानि 28 नवंबर से जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों में डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल की 280 सीटों के लिए चुनाव शुरू हो रहे हैं। हर जिले में डीडीसी की 14 सीटें हैं। 19 दिसंबर तक 8 चरणों में होने वाले इस चुनाव को शुरू में सात दलों वाले गुपकार गठबंधन ने जरा भी भाव नहीं दिया था। तब लगा था कि पंचायत चुनावों की तरह एक बार फिर भाजपा का मैदान साफ रहने वाला है। लेकिन, जल्द ही जम्मू-कश्मीर की प्रमुख राजनीतिक दलों यानि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी को इसकी अहमियत समझ में आई और उन्होंने बीजेपी से मुकाबले के लिए गुपकार गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इसके साथ वहां पंचायतों के लिए उपचुनाव भी होने हैं, जिसमें 12,153 पंचों-सरपंचों के खाली पदों के लिए वोटिंग होनी है। इन चुनावों के लिए 22 दिसंबर को वोटों की गिनती होनी है।
भाजपा-गुपकार गठबंधन में है मुकाबला
डीडीसी के चुनाव में शनिवार को होने वाले पहले चरण के चुनाव में जम्मू-कश्मीर के 43 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव करवाए जा रहे हैं। कश्मीर में 25 और 18 जम्मू के चुनाव क्षेत्र में वोटिंग होगी। इस चुनाव की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि पार्टी के अंदर भारी विरोध के बावजूद पीडीपी की महमूबा मुफ्ती ने अपने हमेशा के सियासी विरोधी फारूक अब्दुल्ला परिवार की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के साथ चुनाव लड़ने का पैसला किया है। इसमें पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन भी शामिल हैं। इसके चलते मुफ्ती को बगावत भी झेलनी पड़ी है और कई नेता पार्टी तक छोड़ रहे हैं। दूसरी तरफ बीजेपी है, जो इसे किसी दूसरे बड़े चुनाव से कम महत्त्व नहीं दे रही है। पार्टी ने यहां केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन जैसे नेताओं को तो भेज ही रखा है, चुनाव जीतने के लिए बड़े-बड़े वादे भी किए गए हैं।
डीडीसी चुनाव में क्या हैं मुद्दे?
मसलन, बीजेपी ने यहां स्थानीय निवासियों के लिए 100 फीसदी आरक्षण के साथ 70,000 नौकरी देने का वादा किया है। इसके अलावा निजी क्षेत्र में भी रोजगार सुनिश्चित करने की बात कही है। साथ ही उद्योग अनुकूल नीति और एक साफ, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन देने का भी भरोसा दे रही है। बीजेपी के लिए इस चुनाव की अहमियत इसलिए भी बढ़ गई है, क्योंकि ये चुनाव आर्टिकल 370 के खत्म होने और जम्मू-कश्मीर राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद हो रहा है। भाजपा-विरोधी गुपकार गठबंधन राज्य में वही पहली वाली स्थिति वापस लेने की मांग को लेकर एकजुटता के साथ मैदान में उतरी है। जबकि, भाजपा इसकी काट में आतंकवाद के खिलाफ अपने सख्त स्टैंड को पेश कर रही है।
जिलास्तर पर लोकतांत्रिक सरकार का होगा गठन
डीडीसी चुनाव के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले अक्टूबर महीने में जम्मू और कश्मीर पंचायती राज कानून में संशोधन किया है और जिला विकास परिषदों के लिए सीधे जनता से प्रतिनिधि चुने जाने का रास्ता साफ किया है। राज्य में अभी विधानसभा अस्तित्व में नहीं है। ऐसे में जिला विकास परिषदों को स्थानीय विकास में रोल बहुत ज्यादा बढ़ने वाला है। इस तरह से इस चुनाव के बाद इस संघ शासित प्रदेश में जिलास्तर पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार जनता से जुड़े मुद्दों पर काम शुरू करने वाली है।
गुपकार से इस वजह से पीछे हटी कांग्रेस
बीजेपी विरोधी खेमे वाले गुपकार गठबंधन में अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और सीपीएम भी शामिल हैं। शुरू में कांग्रेस का भी इस गठबंधन के साथ तालमेल हो गया था और पहले दौर के लिए गुपकार वालों ने उसके लिए सीटें भी छोड़ी थीं। लेकिन, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जैसे ही महबूबा मुफ्ती के तिरंगे के अपमान वाले आपत्तिजनक बयान और फारूक अब्दुल्ला के आर्टिकल 370 की बहाली के लिए चीन की मदद लेने वाले कथित बयान को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को घेरा कांग्रेस बैकफुट पर आ गई और उसने गुपकार का हिस्सा होने से साफ इनकार कर दिया।
सुबह 7 से दिन के 2 बजे तक मतदान
वैसे जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 खत्म किए जाने के बाद पिछले साल अक्टूबर में वहां ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव भी करवाए गए थे। लेकिन, उसमें नेशनल कांफ्रेस और पीडीपी शामिल नहीं हुई थीं। उस समय वहां के प्रमुख दलों के नेता हिरासत थे। शनिवार से शुरू हो रने चुनाव में सभी 8 चरणों के लिए मतदान का वक्त सुबह 7 बजे से दिन के 2 बजे तक तय किया गया है, जहां लोग बैलट बॉक्स के जरिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। कोरोना मरीजों और आइसोलेशन में रखे गए लोग पोस्टल वैलेट के जरिए वोट दे सकेंगे। वोटों की गिनती 22 दिसंबर को होगी।(कुछ तस्वीरें सांकेतिक)
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