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J&K DDC polls:सिर्फ एक हिंदू परिवार वाली सीट से जीतने वाले BJP उम्मीदवार इकबाल मलिक कौन हैं ?

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नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर (jammu and kashmir) में हाल ही में संपन्न हुए 280 सीटों वाले डीडीसी चुनाव (ddc elections) में जीतने वाले 278 उम्मीदवारों को सोमवार को शपथ दिलाई जा रही है। प्रदेश में यह पहला मौका है, जब वहां के जन-प्रतिनिधि जम्मू-कश्मीर की नहीं भारत की संविधान की शपथ लेंगे। इस चुनाव में जम्मू-कश्मीर की जनता ने इस बार ऐसे कई लोगों को अपना जनप्रतिनिधि चुना है, जिनमें से कोई होममेकर है तो कोई वकील या कोई पहले टीचर रह चुका है। लेकिन, सबने बड़े नेताओं को धूल चटाया है। हम बात एक ऐसे ही जनप्रतिधि की करने जा रहे हैं, जो पूर्व में नौकरशाह रह चुके हैं और उन्होंने एक बड़े राजनेता को वोटों के काफी अंतर से हराया है।

एकमात्र हिंदू परिवार वाली सीट पर भी बहुत ज्यादा वोट मिले

एकमात्र हिंदू परिवार वाली सीट पर भी बहुत ज्यादा वोट मिले

इकबाल मलिक (Iqbal Malik)जम्मू-कश्मीर के पूर्व नौकरशाह रहे हैं। वह डिप्टी कमिश्नर पद से रिटायर कर चुके हैं। उन्होंने राजौरी जिले की दरहल सीट से भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता है। इन्होंने नेशनल कांफ्रेंस के बड़े नेता परवेज राशिद को डीडीसी जैसे चुनाव में 3,748 वोटों से हराया है। इनकी जीत की खासियत ये रही है कि इन्हें उस चुनाव क्षेत्र में 11,481 वोट मिले हैं, जहां सिर्फ एक हिंदू परिवार रहता है। ऐसी सीट पर जहां सिर्फ मुसलमान आबादी है, वहां भारतीय जनता पार्टी से लड़कर फारूक अब्दुल्ला की पार्टी के प्रत्याशी को इन्होंने भारी मतों से पराजित किया है, इसलिए इलाके में इनकी खूब चर्चा हो रही है। ऐसा भी नहीं है कि ये अचानक भाजपा में आए हैं। इनका राजनीतिक करियर बीजेपी में आने से भी पुराना है।

पीएम मोदी की मुरीद बनकर भाजपा से जुड़े

पीएम मोदी की मुरीद बनकर भाजपा से जुड़े

मोहम्मद इकबाल मलिक पिछले साल जुलाई में कांग्रेस (Congress) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। इन्होंने अपने साथ कांग्रेस के करीब एक दर्जन प्रदेश और ब्लॉक स्तर के दूसरे नेताओं को भी भाजपा का कमल थमाया था। तब इन्होंने बीजेपी में शामिल होने का कारण ये बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'सबका साथ, सबका विकास' के नारे ने अल्पसंख्यक समुदाय के अंदर एक सुरक्षा की भावना पैदा की है। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री ने अपने कार्यों की वजह से बीजेपी को लेकर अल्पसंख्यकों के मन में जो गलतफहमियां थीं, उसे दूर कर दिया है।

...तो इसलिए छोड़ी थी कांग्रेस

...तो इसलिए छोड़ी थी कांग्रेस

कांग्रेस में रहते हुए इकबाल मलिक दो बार राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं पाए थे। इन्होंने 5 जुलाई, 2019 को कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व को जो इस्तीफा भेजा था,उसमें इसकी वजह ये बताया था कि पार्टी नेतृत्व कोमा में चला गया है। उनके शब्द थे, 'पार्टी नेतृत्व कोमा में चला गया है। यहां हमारी बातों को सुनने के लिए कोई नहीं है। इसलिए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।'(ऊपर की तीनों तस्वीरें-फाइल)

J&K में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी है

J&K में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी है

जम्मू-कश्मीर में 8 चरणों में डीडीसी चुनाव में 280 में से सिर्फ 278 के नतीजे आ पाए हैं। दो सीटों पर पीओके के उम्मीदावरों की वजह से तकनीकी आधार पर मतगणना रोक दी गई थी। इसमें सात दलों के गुपकार गठबंधन को सबसे ज्यादा 110 सीटें मिलीं। लेकिन,अकेले लड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। निर्दलीय उम्मीदवारों को 50 सीटें मिलीं और कांग्रेस ने 26 सीटों पर कामयाबी पाई। गुपकार दलों में नेशनल कांफ्रेंस को 67 और पीडीपी को 27 सीटें मिलीं।

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English summary
J&K ddc polls:Who is the BJP candidate Iqbal Malik who won from only one Hindu family seat?
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