J&K DDC poll: कैसे BJP ने स्थानीय चुनावों को दे दिया है राष्ट्रीय रंग
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर में हो रहा जिला विकास परिषद का चुनाव संभवत: देश का पहला ऐसा स्थानीय चुनाव बनने जा रहा है, जिसे भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय चुनावों के रंग-ढंग में ढलकर लड़ रही है। यहां सात विपक्षी दलों के गुपकार एलायंस के तहत चुनाव लड़ने के चलते यह चुनाव सीधे बीजेपी और गुपकार दलों के बीच हो गया है। ऐसा भी नहीं है कि यहां भाजपा ही राष्ट्रीय मुद्दों को हवा दे रही है, बल्कि गुपकार एलायंस की पार्टियां भी उन्हीं मसलों पर एकजुट हुई हैं। ये पार्टियां जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और राज्य के दर्जे की बहाली की मांग कर रही हैं।
जम्मू-कश्मीर में हो रहा जिला विकास परिषद का चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा बन गया है। जिस तरह से उसके खिलाफ यहां के मजबूत राजनीतिक दलों पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस समेत सात पार्टियों ने गठबंधन बनाया है, इसमें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पार्टी अपनी ओर से पूरा जोर लगा रही है। पार्टी ने इन चुनावों के लिए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर को चुनाव अभियान का प्रभारी बनाया है। यही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन और मध्य प्रदेश के सांसद संजय भाटिया को पार्टी ने उप-चुनाव प्रभारी नियुक्त करके जम्मू-कश्मीर भेजा है। पार्टी की ओर से यह बहुत ही चौंकाने वाला कदम माना जा सकता है, क्योंकि आमतौर पर ऐसे स्थानीय चुनावों को प्रदेश इकाइयां संभालती रही हैं।
बदली हुई परिस्थितियों में पार्टी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातियों के मतदाताओं के अलावा महिला वोटरों के समर्थन पर उम्मीद लगाई बैठी है। पार्टी को यकीन है कि आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद से नियम-कानूनों में हुए बदलाव से इन वर्ग के नागरिकों को काफी फायदा पहुंचा है। इन्हें आरक्षण का लाभ मिलने के साथ-साथ संघ शासित प्रदेश में संपत्ति खरीदने का भी अधिकार मिला है। पार्टी को उम्मीद है कि ऐसे वोटर उसको छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।
लेकिन, दूसरी तरफ गुपकार गठबंधन से जुड़े दल इन चुनावों में भाजपा को हराने के लिए अपनी आपसी दुश्मनी भुला चुके हैं। यही वजह है कि तिरंगा को लेकर महबूबा मुफ्ती और चीन के बारे में फारूक अब्दुल्ला के बेहद आपत्तिजनक बयानों को लेकर बीजेपी कांग्रेस समेत इन सभी दलों पर हमलावर है, तो ये दल भी बीजेपी पर जमकर पलटवार कर रहे हैं। सोमवार को महबूबा और फारूक के बयानों को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया तो मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा खोल दिया।
एक के बाद तीन ट्वीट करके उन्होंने गुपकार गठबंधन पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है- '.....गुपकार गैंग चाहता है कि विदेशी ताकतें जम्मू-कश्मीर में हस्तक्षेप करें। गुपकार गैंग भारत के तिरंगे का भी अपमान करता है। क्या सोनिया जी और राहुल जी गुपकार गैंग के इन कदमों का समर्थन करते हैं?.......' वो आगे लिखते हैं- 'कांग्रेस और गुपकार गैंग जम्मू-कश्मीर को आतंक और उथल-पुथल की दौर में वापस ले जाना चाहते हैं। हमने आर्टिकल 370 हटाकर दलितों, महिलाओं और आदिवासियों को जो अधिकार दिलाए हैं, वह उनसे वो सब छीनना चाहते हैं। इसी वजह से लोग उन्हें हर जगह से नकार रहे हैं।' अगले ट्वीट में वो लिखते हैं- 'जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा। हमारे राष्ट्रहित के खिलाफ 'ग्लोबल गठबंधन' को भारत के लोग अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। या तो गुपकार गैंग राष्ट्र के मूड के साथ तैरना सीख ले या फिर लोग उसे डुबो देंगे।'
उधर उमर अब्दुल्ला ने भी शाह पर पलटवार करने से परहेज नहीं किया है। उन्होंने भी ट्विटर पर जवाब दिया है- 'मैं माननीय गृहमंत्री के इसे हमले के पीछे की हताशा से वाकिफ हूं। उन्हें बताया गया था कि पीपुल्स एलायंस चुनाव की बहिष्कार की तैयारी कर रहा है। इससे बीजेपी और नई बनी पार्टी को जम्मू-कश्मीर में खुली छूट मिल जाती। हमने उनके मुताबिक नहीं होने दिया।'
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