J&K: कांग्रेस ने PMO से पूछा, जब विदेशी सांसद वहां जा सकते हैं तो देश का विपक्ष क्यों नहीं?
नई दिल्ली- यूरोपियन यूनियन के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौर को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी ने सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से सवाल किया है कि जब विदेशी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को वहां का दौरा करने का सरकार इंतजाम करवा सकती है तो देश के विपक्ष के लिए वही व्यवस्था क्यों नहीं किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने यूरोपियन यूनियन के प्रतिनिधिमंडल के कश्मीर दौरे को लेकर कहा है कि, "यूरोपीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के दौर के दो पहलू हैं। पहला, कोई भी दूसरा देश या किसी दूसरे देश का कोई सदस्य या उसके सांसद को जम्मू एवं कश्मीर के मामले में, जो कि भारत का आंतरिक मामला है दखल देने का अधिकार नहीं है।"
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शेरगिल के मुताबिक इसका दूसरा पहलू ये है कि जब प्रधानमंत्री कार्यालय दूसरे देशों के सांसदों के लिए कश्मीर यात्रा का इंतजाम करवा सकता है तो देश के विपक्ष के लिए ऐसा करवाने में परेशानी क्या है। उन्होंने कहा है, "राष्ट्र, विशेष तौर पर विपक्ष जानना चाहता है कि अगर पीएमओ यूरोपियन यूनियन के सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल और उनकी जम्मू-कश्मीर यात्रा की व्यवस्था करवा सकता है तो वही शिष्टाचार वे यहां के विपक्ष के प्रति क्यों नही दिखा रहे हैं? केंद्र विपक्षी नेताओं के जम्मू-कश्मीर की यात्रा का विरोध क्यों कर रहा है। "
वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे देश की अपनी ही संसद और लोकतंत्र का अपमान करार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि 'जब भारतीय राजनेताओं को जम्मू-कश्मीर के लोगों से मिलने से रोका गया, तब राष्ट्रवाद के नाम पर छाती पीटने वाले महान चैंपियन के पास यूरोप के नेताओं को जम्मू-कश्मीर की यात्रा की इजाजत देने का क्या कारण था। यह भारत की अपनी संसद और हमारे लोकतंत्र का अपमान है। '
बता दें कि यूरोपियन यूनियन के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को कश्मीर जा रहा है, जिसमें करीब 28 सांसद शामिल हैं। इसपर जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने अपनी मां के ट्विटर हैंडल से ही एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि उम्मीद है कि इन्हें वहां के लोगों, लोकल मीडिया, डॉक्टरों और सिविल सोसाइटी के लोगों से भी बात करने का मौका मिलेगा।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अब पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं और लैंडलाइन पर से पाबंदी हटाई जा चुकी है, लेकिन इंटरनेट सेवाओं और कुछ और पाबंदियों की वजह से अभी भी कुछ समस्याएं सामने आने की बातें कही जा रही हैं।
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