J&K: केंद्र शासित प्रदेश बनने से मुख्यमंत्री के अधिकार तो घटे, लेकिन मेयरों को मिला मंत्री का दर्जा
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनाने से बहुत सारा बदलाव आना तय है। सबसे बड़ा तो ये है कि मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में काफी कटौती हो जाएगी। लेकिन, इस बदलाव से सबसे ज्यादा खुशी स्थानीय निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधि महसूस कर रहे होंगे। क्योंकि, राज्य सरकार ने जम्मू और श्रीनगर दोनों नगर निगमों के मेयर को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया है, जिसके तहत उनके अधिकार भी काफी बढ़ गए हैं।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने जम्मू और श्रीनगर नगर निगम के मेयरों को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने का फैसला किया है। वर्तमान समय में जुनैद अजीम मट्टू श्रीनगर के और चंदर मोहन गुप्ता जम्मू के मेयर हैं। जानकारी के मुताबिक इस संबंध में राज्य के अतिरिक्त सचिव सुभाष छिब्बर ने आदेश जारी किया है।
जम्मू-कश्मीर सरकार के आदेश में कहा गया है कि 'श्रीनगर नगर निगम और जम्मू नगर निगम के उनके अधिकार क्षेत्र के दायरे में राज्यमंत्री के बराबर का दर्जा देने की मंजूरी दी जाती है।' जानकारी के मुताबिक राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के साथ ही मट्टू और गुप्ता दोनों के प्रशासनिक अधिकारों में काफी इजाफा हो गया है और अब वे कार्यपालिका से जुड़े निर्णय भी ले सकेंगे।
गौरतलब है कि पिछले पांच अगस्त को ही केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के खास प्रावधानों को हटाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद संसद के दोनों सदनों से भारी बहुमत से पास होने के बाद राष्ट्रपति ने भी इसकी मंजूरी दे दी। प्रदेश में हुए इस बदलाव से जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अधिकार काफी कम हो गए हैं। लिहाजा राज्य के मुख्यमंत्री के अधिकार भी पुडुचेरी के मुख्यमंत्री की तरह हो गए हैं और ज्यादातर अधिकार लेफ्टिनेंट गवर्नर के माध्यम से केंद्र सरकार के हाथों में चले गए हैं।