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जीडीपी दर में गिरावट के पीछे नोटबंदी को वजह बताना गलत- अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में गिरावट के पीछे वैश्विक हालात समेत कई अन्य कारण है।

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीडीपी की वुद्धि दर में गिरावट के पीछे नोटबंदी का प्रभाव होने की बात को नकार दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीडीपी में गिरावट की कई अन्य वजहें हैं इसके लिए नोटबंदी को वजह बताना गलत है। चौथी तिमाही में आई जीडीपी में गिरावट पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

वैश्विक हालात समेत कई कारणों से आई जीडीपी में गिरावट

वैश्विक हालात समेत कई कारणों से आई जीडीपी में गिरावट

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में गिरावट के पीछे वैश्विक हालात समेत कई अन्य कारण है। उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद किए जाने से पहले भी अर्थव्यवस्था में मंदी के लक्षण दिखाई दिए थे। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही है।

 सरकार के सामने कई चुनौतियां

सरकार के सामने कई चुनौतियां

केंद्र सरकार की चुनौतियो पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में फंसे हुए कर्ज की समस्या से निपटना और अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाना बड़ी चुनौतियां हैं। साथ ही घाटे से जूझ रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में नीति आयोग नागर विमानन मंत्रालय को अपनी सिफारिशें पहले ही दे चुका है। मंत्रालय को और कई विकल्पों पर विचार करना होगा।

 जीडीपी की वृद्दि दर में गिरावट

जीडीपी की वृद्दि दर में गिरावट

गुरुवार को मोदी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर प्रेस कांफेंस के दौरान अरुण जेटली ने कहा कि 7 -8 प्रतिशत की वृद्धि दर वृद्धि का एक अच्छा स्तर है और भारतीय मानकों के हिसाब से तर्कसंगत है। जबकि वैश्विक मानकों के हिसाब से यह अच्छी वृद्धि है। बुधवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार जनवरी-मार्च में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 6.1 प्रतिशत रह गई जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में यह 7.1 प्रतिशत थी जो पिछले तीन वर्ष का न्यूनतम स्तर है।

 तीन साल के कार्यों का लेखा-जोखा

तीन साल के कार्यों का लेखा-जोखा

केंद्र सरकार के कार्यों के तीन साल का लेखा जोखा पेश करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी की वजह से लोग कैश लेने-देने से परहेज करने लगे हैं और डिजिटलाइजेशन में इजाफा हुआ है। दूसरा टैक्स देने वालों की तादाद भी बढी है। और तीसरा, काले धन की सामानांतर अर्थव्यवस्था खत्म हुई है। जीएसटी लागू किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर जेटली ने कहा कि जीएसटी से टैक्स कम होंगे और खपत बढ़ेगी। इससे जीएसटी से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की किसी तरह की आशंका निराधार है।

Comments
English summary
Its wrong to link economic slowdown to demonetisation-Arun Jaitely
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