नंदा देवी पर चढ़ाई करने गए 7 लापता विदेशी पवर्तारोहियों के शव बरामद
नई दिल्ली- आईटीबीपी की टीम ने तीन हफ्ते से लापता 7 विदेशी सैलानियों के शव बरामद कर लिए हैं। ये पर्वतारोह उत्तराखंड के नंदा देवी पर्वत चोटी के पास आए एक एवलांच का शिकार हो गए थे। इनके साथ एक भारतीय अधिकारी भी गया था।
तीन हफ्तों से लापता थे विदेशी सैलानी
लापता 7 विदेशी टूरिस्टों और और 1 भारतीय के शवों की तलाशी के लिए आईटीबीपी के अलावा दूसरे राहत और सुरक्षा दलों की टीम भी कई दिनों से लगी हुई थी। लेकिन, भारी बर्फबारी के कारण शवों को निकालने का काम प्रभावित हो रहा था। इस काम में इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन के सदस्यों के भी जुटे हुए थे। ये पर्वतारोही उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से होकर नंदा देवी ईस्ट चोटी पर चढ़ाई करने गए थे, लेकिन एवलांच की चपेट में आ गए थे। बता दें कि पिछले 13 मई को मुनस्यारी से नंदादेवी ईस्ट 7,434 मीटर ऊंची चोटी पर चढ़ाई के लिए 13 सदस्यीय दल रवाना हुआ था। इस दल को 1 जून को ही लौटना था, लेकिन तभी उनके साथ दुर्घटना हो गई थी और ये 25 मई से ही लापता थे। बताया जा रहा है कि दल के सदस्य जब 6,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर थे, तभी एवलांच की चपेट में फंस गए।
मशहूर पर्वतारोही मार्टिन मोरन थे अगुवा
इस टीम का नेतृत्व मशहूर ब्रिटिश पर्वतारोही मार्टिन मोरन कर रहे थे। इनमें से ब्रिटेन निवासी मार्टिन मोरिन के अलावा जोन चार्लिस मैकलर्न, रिचर्ड प्याने, रूपर्ट वेवैल, अमेरिका के एंथोनी सुडेकम, रोनाल्ड बीमेल, ऑस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही रूथ मैकन्स और इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन के जनसंपर्क अधिकारी चेतन पांडेय भी थे। सर्च अभियान के दौरान बर्फ में पांच शव दिखाई दे रहे थे, लेकिन वहां खतरनाक दर्रे होने की वजह सेना के हेलिकॉप्टर से निकालने से कोशिश नहीं हो पा रही थी। इसके बाद सर्च टीम पैदल ही मिशन पर निकली थी।
एडवेंचर के लिए आते हैं दुनियाभर के पर्वतारोही
मुनस्यारी से नंदादेवी ईस्ट की दूरी 90 किलोमीटर के आसपास है। लेकिन, पूरा रास्ता बर्फ पटे होने के कारण वहां पर आवागमन बहुत ही मुश्किल है। उत्तराखंड की पहाड़ी चोटियां दुनिया भर से पर्यटकों और एडवेंचर के दीवानों को लुभाती रहती हैं। यहां आए लोग बेहद कठिन हालात में इन दुर्गम चोटियों पर चढ़कर प्रकृति की अलौकिक सुंदरता का आनंद लेते हैं। इन चोटियों को जीतने का एहसास ही इतना रोमांचकारी है कि तमाम कठिनाइयों को झेलते हुए सैलानी यहां आते हैं।
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