हेल्थकेयर में इटली नंबर 2, भारत टॉप 100 में भी नहीं? कोरोना से सुरक्षा है भारत का एकमात्र हथियार!
बेंगलुरू। जनसंख्या के लिहाज से दुनिया की दूसरी बड़ी बेहतर हेल्थकेयर सुविधाओं में शुमार इटली की स्वास्थ्य सेवाओं का कोरोना वायरस ने दम निकाल दिया है, सोचिए अगर इटली की तरह ही कोरोना का संक्रमण भारत में फैल गया तो भारत के अस्पतालों का क्या होगा, जिसकी हेल्थकेयर प्रणाली इतनी दयनीय है कि उसका उल्लेख दुनिया की बेस्ट हेल्थकेयर 2020 सूची के टॉप 100 में भी नहीं है।
इसलिए जरूरी है कि भारत सरकार, राज्य सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना संक्रमण के लिए सुझाए गए परहेज और सुरक्षा टिप्स को अमल में लाते हुए लोग चुपचाप घरों में बैठें वरना चीन, यूरोपीय देश, ईरान और अमेरिका के बाद अगला नंबर भारत का भी हो सकता है, जहां की आबादी इटली की तुलना में कई ज्यादा यानी 1 अरब 30 करोड़ हैं।
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गौरतलब है दुनिया बेस्ट हेल्थकेयर सूची में दूसरे नंबर पायदान पर काबिज इटली में कोरोना वायरस की बढ़ती संख्या के चलते पस्त पड़ चुकी है, जहां हर 1000 मरीज पर 1 डाक्टर हैं। इटली की तुलना में भारत में डॉक्टरों की भारी कमी है और फिलहाल देश में 11,082 की आबादी पर मात्र एक डॉक्टर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के तय मानकों के अनुसार, यह अनुपात प्रति एक हजार व्यक्तियों पर एक होना चाहिए. इस लिहाज से देखें तो यह अनुपात तय मानकों के मुकाबले 11 गुना कम है।
कल्पना कीजिए, जिस तेजी से भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है और उससे यह संक्रमण एक बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले सकता है। भारत में कोरोना संक्रमण को लेकर लापरवाही का आलम यह है कि लोगों को उनके घरों से बाहर जाने से रोकने के लिए सरकारों को लॉकडाउन के बाद अब कर्फ्यू तक लगाना पड़ रहा है।
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पंजाब पहला प्रांत है, जहां राज्य सरकार ने कर्फ्यू घोषित किया
पंजाब पहला प्रांत है, जहां मामला बढ़ता देख कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई। पंजाब में अब तक 21 मामले सामनए आए हैं।जबकि भारत में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले में दूसरे नंबर पर चल रहे महाराष्ट्र में भी कर्फ्यू लगा दिया है, जहां तक कुल 87 संक्रमित मरीज मिले हैं और यहां अब तक 3 मरीजों की मौत हो चुकी है।
भारत में कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित दक्षिणी राज्य है केरल
भारत में कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित दक्षिणी राज्य केरल हैं, जहां अब तक कुल 95 मामले सामने आए हैं। यह मामले तब बढ़ रहे हैं रेलवे, हवाई और अंतर्राज्यीय बस सेवाएं लगभग ठप कर दी गई हैं। कर्नाटक में अब तक 37 मामले सामने आए हैं, तेलंगाना में 32 केस सामने आएं हैं। उत्तर प्रदेश में एक विदेशी समेत 33 मामले सामने आ चुके हैं।
राजधानी दिल्ली में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 31 हो चुकी है
वहीं, राजधानी दिल्ली में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 31 हो चुकी है, जिसमें 14 विदेशी हैं। लद्दाख में 13, तमिलनाडु में 2 विदेशी समेत 12, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में 7-7 केस रिपोर्ट हुए हैं। उत्तराखंड में 6 मामले और जम्म-कश्मीर में 4 केस सामने आ चुके हैं। जबकि पुडुचेरी और छत्तीसगढ़ में 1-1 सामने आए हैं।
अब तक भारत में कोरोना संक्रमित 10 मरीजों की मौत हो चुकी है
अब तक भारत में कोरोना संक्रमित 10 मरीजों की मौत हो चुकी है और 511 से अधिक संक्रमित मरीज पाए जा चुके है, जिनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। चूंकि भारत के हेल्थकेयर के हालात को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार लोगों को घरों में रहने और ऐहितयात बरतने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि पहले 22 राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा के बाद संक्रमण को रोकने के लिए कर्फ्यू तक के विकल्प तलाशे जाने लगे हैं।
कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने से PM मोदी देश को फिर करेंगे संबोधित
देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती तादाद से चिंतित प्रधानमंत्री मोदी एक बार आज रात देश को संबोधित करेंगे और संभवतः देश के नागरिकों को देश के हेल्थकेयर की जमीनी हकीकत को समझाते हुए परहेज और एहितयात बरतने की अपील कर सकते हैं। क्योंकि मौजूदा परिस्थिति में भारत में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए यही एक उपाय है, जिससे कोरोना संक्रमण से देश की एक बड़ी आबादी को सुरक्षित रखा सके हैं। यही कारण है कि पिछले 100 दिनों से नागरिक संशोधन विधेयक के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग समेत कई इलाकों से धरना स्थल खाली करवाया गया है।