JDU और AIADMK के वॉकआउट के बाद तीन तलाक बिल पर आसान हुई सरकार की राह
नई दिल्ली। तीन तलाक बिल आज राज्यसभा में पेश किया गया। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 राज्यसभा में पेश किया। प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक निषेध विधेयक मानवता, महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता सुनिश्चित करने वाला है।
इस पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय तय किया गया। इसपर बीजेपी ने सांसदों के व्हिप जारी किया है। वहीं जदयू और एआईएडीएमके के वाकआउट के बाद मोदी सरकार की राह आसान होती दिख रही है। दरअसल जदयू और एआईएडीएमके के वॉकआउट के चलते सदस्यों की संख्या 213 रह गई है। ऐसे में अब बिल पर बहुमत के लिए 109 वोट चाहिए। इससे पहले विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में ये बिल आसानी से पास हो गया था। हालांकि तब जेडीयू ने वोटिंग नहीं की थी।
इधर द्रमुक पार्टी के प्रमुख एमके स्टालिन ने लोकसभा में तीन तलाक विधेयक का समर्थन करने पर अपनी प्रतिद्वंदी पार्टी अन्नाद्रमुक की शुक्रवार को आलोचना की और आरोप लगाया उन्होंने भगवाधारी पार्टी को अपना लिया है और उसकी क्लोन बन गई हैं। मुस्लिम महिला विधेयक 2019 पर हो रही चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि भाजपा ऐसी हवा उड़ा रही है कि हमारा दल अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रहा। हम बस ये बताना चाहते हैं कि हमारा रुख साफ है। बल्कि तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट फैसले का स्वागत सबसे पहले कांग्रेस ने ही किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ तीन तलाक को इसे फौजदारी मामला बनाने से हैं । ये एक दीवानी मामला है। इसके अलावा लोकसभा में उन्नाव रेप पीड़िता के एक्सिडेंट पर लंबी चर्चा हुई।
बता दें कि 25 जुलाई को लोकसभा में ये बिल पास हुआ था। इस बिल में तीन तलाक को गैरकानूनी बताते हिए 3 साल की सजा का प्रावधान रखा गया था। कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी समेत कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है और इसमें संशोधन की मांग की है।
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