Rajasthan Assembly Elections 2018: झालरापाटन से उतर तो गए हैं मानवेन्द्र, पर क्या भेद पाएंगे वसुंधरा का किला ?
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है, राज्य में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी, तमाम सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस बार मुकाबला यहां बराबरी का है, अब कौन इस रण में विजेता बनेगा ये तो चुनाव परिणाम बताएंगे लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि इस बार राजस्थान की सियासी लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है। वैसे तो यहां की बहुत सारी सीटों पर रोचक मुकाबला है लेकिन सबकी निगाहें झालरापाटन विधानसभा सीट पर टिकी हैं।
वसुंधरा बना मानवेंद्र
क्योंकि झालावाड़ जिले में आने वाली झालरापाटन सीट पर इस बार टक्कर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह के बीच है, जो कि हाल ही में भाजपा को छोड़कर परिवार सहित कांग्रेस में शामिल हुए हैं, हालांकि इस सीट से राजे का रिश्ता 30 सालों से हैं।
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पैराशुट कैंडिडेट हैं मानवेंद्र सिंह: भाजपा
इसलिए भाजपा कह रही है कि इस सीट से वसुंधरा पिछले 30 सालों से जुड़ी हुई हैं, वो जाति-धर्म की बातें नहीं करती हैं, उनके लिए सिर्फ दो जाति है एक पुरुष और दूसरा महिला, जनता इस बात को समझती है और इसी कारण वो पैराशुट कैंडिडेट मानवेंद्र सिंह को कोई तवज्जो नहीं देगी।
क्या मिलेगा मानवेंद्र सिंह को राजपूतों का साथ!
जबकि इस वक्त मानवेंद्र सिंह राज्य में जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं और बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं, अपने और अपने पिता के साथ हुई उपेक्षा की बात करके मानवेंद्र सिंह बार-बार यही कह रहे हैं कि मैं भले ही यहां राजनीतिक तौर पर बहारी हूं,लेकिन मेरा भी ये घर है, लोगों ने मुझे यहां गले लगाया है। मानवेंद्र सिंह के जरिए राजपूत वोटों को अपनी ओर करने में जुटी कांग्रेस को पूरा विश्वास है कि उसका ये दांव सही साबित होगा।
साल 2013 में वसुंधरा राजे को 60,000 वोटों से मिली थी जीत
गौरतलब है कि साल 2013 में वसुंधरा राजे को 60,000 वोटों से इस सीट पर जीत मिली थी, साल 2003 में मुख्यमंत्री बनने से पहले राजे झालवार से पांच बार एमपी रह चुकी हैं, तीन बार वो झालरापाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं और उनके बेटे दुष्यंत भी तीन बार यहां से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
भाजपा केवल अपने मद के नशे में चूर है: मानवेंद्र सिंह
जबकि अपने चुनाव प्रचार के दौरान मानवेंद्र सिंह ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला, उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जाने के साथ ही पार्टी से विचारधारा व संस्कार भी चले गए, वे संस्कार अब कभी वापस नहीं आएंगे। आज की भाजपा केवल अपने मद के नशे में चूर है, उन्होंने दावा किया कि पूरे राजस्थान में भाजपा सरकार के प्रति लोगों में गुस्सा और आक्रोश है,जनता उससे त्रस्त हो चुकी है इसी कारण कांग्रेस तीन चौथाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।