फेसबुक डाटा स्कैंडल: भारत ने कैंब्रिज एनालिटिका को भेजा नोटिस, पूछा कैसे और कब चोरी किए गए डाटा
भारत ने यूके की कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका को फेसबुक डाटा चोरी मामले में नोटिस भेजा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (आईटी) ने कंपनी को नोटिस भेजा है। इस नोटिस के जरिए भारत ने कंपनी से पूछा है कि कंपनी ने कैसे फेसबुक पर इंडियन यूजर्स कर प्रोफाइल डाटा का दुरुप्रयोग किया।
नई दिल्ली। भारत ने यूके की कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका को फेसबुक डाटा चोरी मामले में नोटिस भेजा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (आईटी) ने कंपनी को नोटिस भेजा है। इस नोटिस के जरिए भारत ने कंपनी से पूछा है कि कंपनी ने कैसे फेसबुक पर इंडियन यूजर्स कर प्रोफाइल डाटा का दुरुप्रयोग किया और चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की। आपको बता दें कि कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप लग रहे हैं कि उसने फेसबुक पर मौजूद 50 मिलियन यूजर्स की प्रोफाइल को बिना उनकी मंजूरी के चुनावों के नतीजों को प्रभावित करने के लिए प्रयोग किया है। अमेरिका और ब्रिटेन दोनों ही जगहों पर कंपनी कड़ी जांच से गुजर रही है।
31 मार्च तक देना होगा जवाब
आईटी मंत्रालय ने 31 मार्च तक कंपनी से जवाब मांग है। नोटिस में कंपनी ने पूछा गया है कि वह यह बात बताए कि उसने कैसे और कब डाटा कलेक्ट किया। साथ ही यह भी पूछा गया है कि क्या कंपनी ने डाटा इकट्ठा करते समय यूजर्स की मंजूरी ली थी और साथ ही यह भी पूछा गया है कि कंपनी ने इस डाटा को किस तरह से प्रयोग किया। आईटी मंत्रालय ने इससे पहले बयान जारी कर कहा था कि निजता का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार इस बात को लेकर काफी चिंतित है और हर नागरिक से जुड़ी निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के सभी प्रयास किए जाएंगे। मंत्रालय ने निजता को हर नागरिक का मौलिक अधिकार करार दिया था।
रविशंकर प्रसाद ने दी चेतावनी
आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने इस डाटा स्कैंडल पर फेसबुक के को-फाउंडर मार्क जुकरबर्ग को चेतावनी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर फेसबुक के जरिए किसी भी तरह से चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की गई होगी तो फिर भारत कड़ी कार्रवाई करेगा। उन्होंने यह भी कहा था अगर जरूरत पड़ी तो मार्क जुकरबर्ग को भी समन भेजने से भारत पीछे नहीं हटेगा। पिछले दिनों फेसबुक पर लगे डाटा चोरी और डाटा के साथ धोखाधड़ी के आरोपों के बीच पॉलिटिकल डाटा फर्म कैंब्रिज एनालिटिका ने अपने सीईओ को सस्पेंड कर दिया है। इस फर्म पर आरोप है कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ साल 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनावों के लिए टाई-अप किया था।
सीईओ को किया सस्पेंड
कंपनी ने अपने सीईओ को निकालने का फैसला उस समय लिया जब ब्रिटिश न्यूज चैनल, चैनल 4 पर निक्स ने इशारा किया था कि विदेशों में होने वाले चुनावों को कैसे प्रभावित किया जा सकता है। कंपनी की ओर से सीईओ निक्स को हटाने के ऐलान के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया गया। इस बयान में कहा गया है कि बोर्ड का मानना है कि निक्स के कमेंट को चैनल ने चुपचाप रिकॉर्ड किया और वहीं उनकी ओर से लगाए गए बाकी आरोप कंपनी के नैतिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
फेसबुक से चोरी डाटा का प्रयोग कैसे
कैंब्रिज एनालिटिका को स्टीफन के बैनन और रॉबर्ट मर्सर ने शुरू किया था और यह एक लंदन बेस्ड कंपनी है। रॉबर्ट, रिपब्लिकन पार्टी के डोनर हैं और उन्होंने कम से 15 मिलियन डॉलर की रकम इसमें निवेश की है। कंपनी इस तरह के तरीकों को पेश करती है जिससे अमेरिकी वोटर्स का पता लग सके और फिर उनके व्यवहार को प्रभावित किया जा सके। फेसबुक से डाटा चोरी करके इसकी मदद से एक साइकोग्राफिक मॉडलिंग टेक्निक को तैयार किया गया। इसके बाद कंपनी ने साल 2016 में ट्रंप के लिए कैंपेनिंग की।
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