वडोदरा-नामांकन के बाद मोदी ने पत्नी को भेजा बाबा रामदेव के आश्रम में ?
यह भी पढ़ें - वादों का 'नामांकन'
इस वीकली मैगजीन ने विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और द्वारका पीठ के शंकराचार्य के सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है। मैगजीन के 27 अप्रैल को आने वाले अंक की एक विशेष रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 अप्रैल को मोदी के नामांकन पत्र में जसोदाबेन को पत्नी स्वीकारने के बाद कुछ हिन्दू कार्यकर्ता एवं सुरक्षा अधिकारी तीर्थयात्रियों के वेष में ब्राह्मणवाडा गांव में जसोदाबेन के घर तीन सफेद एसयूवी गाडियों में गए और उन्होंने जसोदा बेन को चार धाम की यात्रा पर जाने का प्रस्ताव किया।
इस रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि जसोदा बेन को गाड़ियों से अहमदाबाद लाया और फिर वहां से एक चार्टर्ड विमान से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड की सीमा पर स्थित किसी स्थान पर लाया गया। रिपोर्ट में इस स्थान का नाम औरंगाबाद बताया गया है। उसके बाद वहां से गाड़ियों में बिठाकर उन्हें ऋषिकेश में नीलकंठ महादेव मंदिर के समीप पहाड़ी पर स्थित बाबा रामदेव के आश्रम में पहुंचाया गया। रिपोर्ट के मुताबिक आश्रम में काम कर रहे लोगों ने भी माना कि 13 तारीख को वहां एक महिला आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक जसोदाबेन गुजरात के सुरक्षा बलों के उच्च अफसरों की देखरेख में हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि जसोदाबेन को शायद यह पता भी नहीं है कि उनके साथ जो लोग हैं, वे तीर्थयात्री नहीं बल्कि वे लोग हैं जिन्हें उन्हें सार्वजनिक रूप से नजर आने से बचाने की जिम्मेदारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक इन बातों और जसोदाबेन को मोदी द्वारा इतने लंबे समय से अलग रखने को लेकर जसोदाबेन के परिवार को हालांकि कोई शिकायत नहीं है।