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Chandrayaan 2: लैंडर विक्रम से नहीं हो पाया संपर्क फिर भी ISRO ने सभी भारतीयों को क्यों कहा थैंक्य यू, जानिए

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Chandrayan-2 mission में support के लिए ISRO ने कहा Thanks । वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली- भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन के सबसे अहम वक्त में उसके साथ खड़े रहने के लिए दुनिया भर में मौजूद भारतीयों को धन्यवाद दिया है। दरअसल, चांद की सतह पर उतरने से चंद मिनट पहले लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के बाद जिस तरह से भारतीयों ने इसरो और उसके वैज्ञानिकों के प्रयासों का समर्थन किया, उसी पर स्पेस एजेंसी ने अपने देश के लोगों के प्रति यह आभार व्यक्त किया है। गौरतलब है कि लैंडर से संपर्क टूटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले अपने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया था और उन्हें बताया था कि देश के लोगों को स्पेस में उनके योगदान लेकर गर्व है। बता दें कि उस दिन के बाद से अबतक लैंडर से संपर्क करने की सारी कोशिशें नाकाम रही हैं।

इसरो ने सभी भारतीयों को कहा थैंक यू

इसरो ने सभी भारतीयों को कहा थैंक यू

पिछले 7 सितंबर को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के ठीक पहले लैंडर विक्रम के साथ इसरो के अर्थ स्टेशन का संपर्क टूट गया। लेकिन, उस वक्त पूरे देश ने जिस अंदाज में इसरो का समर्थन किया और देश के हर वर्ग के लोगों ने इसरो और उसके वैज्ञानिकों की कामयाबियों की जमकर सराहना की थी, उससे वैज्ञानिकों की काफी हौसला अफजाई हुई। अब इसरो ने ट्विटर पर सभी भारतीयों के प्रति आभार जताते हुए लिखा है कि 'हमारे साथ खड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद। हम विश्वभर में मौजूद भारतीयों की उम्मीदों और सपनों को आगे बढ़ाने का काम जारी रखेंगे।' इसरो ने कहा है कि 'आकाश के लक्ष्य की ओर हमें हमेशा प्रेरित करने के लिए आपको धन्यवाद।'

अब इसरो के पास बचे हैं कुछ ही घंटे

अब इसरो के पास बचे हैं कुछ ही घंटे

गौरतलब है कि जब लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरने ही वाला था तब चंद मिनट पहले ही उससे इसरो का संपर्क टूट गया था। लेकिन, बड़ी बात ये रही कि इसके बावजूद भी देश में कोई निराशा नहीं फैली और लोगों ने इसरो के वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ की और देश के लिए उनके योगदानों की खूब सराहना की थी। हालांकि, उसके बाद से न तो लैंडर विक्रम के साथ संपर्क हो पाया है और न ही उसके अंदर मौजूद रोवर प्रज्ञान के बारे में ही कोई जानकारी है। अभी तक सिर्फ इतनी जानकारी मिल पाई है कि वह चांद की उसी सतह के आसपास मौजूद है, जहां पर उसकी सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी। बता दें कि 8 सितंबर को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर पर मौजूद ऑन-बोर्ड कैमरे से सिर्फ उसकी चांद पर मौजूदगी पुख्ता हुई थी। तब से उसके साथ दोबारा संपर्क करने के सारे प्रयास नाकाम रहे हैं और जितनी देर हो चुकी है उसके बाद उसकी उम्मीद भी फीकी पड़ती जा रही है। अब इसरो के पास मुश्किल से कुछ घंटे बचे हैं, अगर इस दौरान संपर्क नहीं हो पाया तो 21 सितंबर से चांद के साउथ पोल इलाके में लूनर नाइट (धरती के 14 दिन के बराबर) शुरू हो जाएगी।

90-95 % उद्देश्य पूरा

90-95 % उद्देश्य पूरा

जब लैंडर से संपर्क टूटा था तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विक्रम के चांद पर उतरने का नजारा देखने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों के साथ ही मौजूद थे। तब उन्होंने वैज्ञानिकों को भरोसा दिलाया कि उनके योगदान पर पूरे देश को गर्व है। मोदी ने तब कहा था, 'मैं आपके चेहरे पर निराशा देख रहा हूं। उदास होने की कोई जरूरत नहीं है। हमने बहुत कुछ सीखा है।' उन्होंने कहा था, 'ये साहस दिखाने का पल है और हम साहसी बनकर दिखाएंगे! हम आशांवित रहें और अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखेंगे।' लैंडर से संपर्क टूटने के बाद इसरो ने ये कहकर लोगों को बहुत राहत दी थी कि भले ही लैंडर से अंतम वक्त में संपर्क टूट गया हो, लेकिन चंद्रयान-2 के मिशन का 90 से 95 फीसदी उद्देश्य पूरा हो गया और ऑर्बिटर आने वाले सात वर्षों तक चांद की परिक्रमा करता रहेगा।

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English summary
ISRO told all Indians thank you for support after losing contact with lander Vikram
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