चांद पर लैंडर से संपर्क नहीं हुआ तो ये होगा इसरो का अगला प्लान
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नई दिल्ली। इसरो के वैज्ञानिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर चंद्रयान -2 के विक्रम लैंडर से संपर्क करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर लैंडिंग किए हुए 6 दिन बीत चुके हैं लेकिन उससे संपर्क नहीं हो सका है। लैंडर विक्रम से संपर्क करने के इसरो के वैज्ञानिकों के प्रयास सफल नहीं हो रहे हैं बावजूद इसके इसरो, इसके वैज्ञानिकों और देश के लोगों ने उम्मीद नहीं छोड़ी है।
इसरो के वैज्ञानिक विक्रम से संपर्क करने की कर रहे कोशिश
इसरो के वैज्ञानिक विक्रम लैंडर से संपर्क करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं और देश भर के लोग प्रार्थना कर रहे हैं कि वैज्ञानिक इस प्रयास में सफल हो जाएं। वैज्ञानिकों ने भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। लेकिन, अगर विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं हो सका तो क्या होगा?.. यह सवाल हर किसी के दिमाग में घूम रहा है। अगर किसी भी तरह इसरो के वैज्ञानिक विक्रम लैंडर से संपर्क साधने में असफल रहते हैं तो आगे की योजना क्या होगी?
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चंद्रयान-3 में भेजे जा सकते हैं अत्याधुनिक लैंडर और रोवर
विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि इसरो ने भी इस बात पर विचार करना शुरू कर दिया है कि अगर लैंडर से संपर्क नहीं हुआ तो वे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के अपग्रेडेड वर्जन को चंद्रयान-3 में भेजेंगे। चंद्रयान-3 में जाने वाले लैंडर और रोवर में ज्यादा बेहतरीन सेंसर्स होंगे, साथ ही ताकतवर कैमरे, एडवांस कंट्रोल सिस्टम और ज्यादा ताकतवर संचार प्रणाली लगाई जाएगी। ऐसा भी कहा जा रहा है कि चंद्रयान-3 के सभी हिस्सों में बैकअप संचार प्रणाली भी लगाई जा सकती है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी होने पर बैकअप संचार प्रणाली का इस्तेमाल किया जा सके।
लैंडर की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं हो सकी थी
हालांकि, अभी तक इसरो ने आधिकारिक तौर पर लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करने की प्रक्रिया तो साझा नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ वैज्ञानिकों ने इसरो के संभावित प्रयासों पर कुछ बेहद तथ्यात्मक प्रकाश डाला है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इसरो को पता है कि विक्रम से किस फ्रीक्वेंसी पर संचार स्थापित हो सकता है और उसी के अनुसार वह रोजाना उस तक कई कमांड भेजने की कोशिश कर रहा है। इसरो को उम्मीद है कि जैसे ही विक्रम को उसकी फ्रिक्वेंसी मिलेगी वह तत्काल उसपर प्रतिक्रिया देने लगेगा।