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आज लॉन्‍च होगा ISRO का सैटेलाइट GSAT-6A, जानिए कैसे सेना का मददगार होगा सैटेलाइट और क्‍या है इसकी खूबियां

इंडियन स्‍पेस रिसर्च सेंटर ऑर्गनाइजेशन (इसरो) आज आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्‍पेस सेंटर से जीसैट-6ए कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्‍च करेगा। आज शाम 4:56 मिनट पर इस सैटेलाइट को लॉन्‍च किया जाएगा। इस लॉन्‍च को न सिर्फ इसरो बल्कि देश की सेनाओं के लिए भी काफी अहम माना जा रहा है।

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श्रीहरिकोटा। इंडियन स्‍पेस रिसर्च सेंटर ऑर्गनाइजेशन (इसरो) आज आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्‍पेस सेंटर से जीसैट-6ए कम्‍युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्‍च करेगा। आज शाम 4:56 मिनट पर इस सैटेलाइट को लॉन्‍च किया जाएगा। इस लॉन्‍च को न सिर्फ इसरो बल्कि देश की सेनाओं के लिए भी काफी अहम माना जा रहा है और इसकी सफल लॉन्चिंग इसरो के लिए एक और मील का पत्‍थर माना जाएगा। इस सैटेलाइट लॉन्‍च की गिनती बुधवार दोपहर से शुरू हो गई है।

मिलिट्री कम्‍यूनिकेशन सर्विसेज में आएगा सुधार

मिलिट्री कम्‍यूनिकेशन सर्विसेज में आएगा सुधार

जीसैट-6ए की लॉन्चिंग से सेनाओं को दी जाने वाली कम्‍यूनिकेशन सर्विसेज की गुणवत्‍ता में और सुधार होगा। कई खूबियों के बीच ही इस सैटेलाइट में प्रयुक्‍त हुआ छह मीटर लंबा छाते के आकार का एंटेना भी इसकी एक खूबी है। इसरो के मुताबिक यह एंटेना बाकी किसी भी एंटेना से तीन गुना ज्‍यादा बड़ा है और इसकी वजह से ही किसी भी जगह से मोबाइल कम्‍यूनिकेशन और आसान हो सकेगा। इसरो से जुड़े वरिष्‍ठ वै‍ज्ञ‍ानिकों ने बताया कि जीसैट-6ए बाकी कम्‍यूनिकेशन सैटेलाइट की तुलना में काफी अलग है। यह सैटेलाइट रक्षा के मकसद से काम करेगा और साधारण मकसद के लिए इसकी ट्रांसपोंडर क्षमता नहीं बढ़ाई जाएगी। आपको बता दें कि जीसैट-6 साल 27 अगस्‍त 2015 से ही कम्‍यूनिकेशन सर्विसेज दे रहा है।

सैटेलाइट की खासियतें

सैटेलाइट की खासियतें

जीसैट-6ए का वजन 2,140 किलोग्राम है। इसमें प्रयोग हुआ रॉकेट 49.1 मीटर लंबा है और इसका वजन 415.6 टन है। लॉन्‍च होने के 17 मिनट बाद जीसैट-6ए कक्षा में पहुंच जाएगा। इस पूरे मिशन की कीमत 270 करोड़ रुपए है और यह मिशन 10 वर्षों के लिए है। इसरो की ओर से अब तक 95 स्‍पेसक्राफ्ट मिशन लॉन्‍च हो चुके हैं। इसरो ने जनवरी में ही अपना 100वां सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा था और उस लॉन्‍च में भारत के इन 3 स्वदेशी उपग्रहों के अलावा कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के 28 सैटेलाइट भी लॉन्‍च किए गए थे।

चंद्रयान के लिए जरूरी विकास इंजन का टेस्‍ट

चंद्रयान के लिए जरूरी विकास इंजन का टेस्‍ट

इसरो के सूत्रों की ओर से बताया गया है कि इस सैटेलाइट लॉन्‍च के साथ इसरो कई सिस्‍टम को भी टेस्‍ट करेगी जो देश के दूसरे चंद्रयान मिशन के लिए बहुत जरूरी होंगे। सूत्रों के मुताबिक इस सैटेलाइट लॉन्‍च के साथ हाई थर्स्‍ट विकास इंजन को भी टेस्‍ट किया जाएगा। इस इंजन का प्रयोग चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग में होना है। इसे पहले से बेहतर इंजन माना जा रहा है जो दूसरे मिशन में लॉन्‍च व्‍हीकल को ताकत देगा। यह इंजन व्‍हीकल में 70 किलो भार का वजन सहने की क्षमता भी प्रदान करता है। चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग को इस वर्ष अक्‍टूबर के लिए तय किया गया है।

800 करोड़ का है चंद्रयान-2

800 करोड़ का है चंद्रयान-2

चंद्रयान-2 की कीमत 800 करोड़ रुपए है और इस मिशन से पहले विकास इंजन का सफल परीक्षण इसरो के वैज्ञानिकों की भी बड़ी परीक्षा है। इसरो के एलपीएससी यानी लिक्विड प्रोपोल्‍शन सिस्‍टम सेंटर के डायरेक्‍टर वी नारायण ने न्‍यू इंडियन एक्‍सप्रेस से बातचीत में कहा है कि चंद्रयान मिशन के लिए इस तरह के पांच इंजन का प्रयोग होगा और इसकी वजह से वजन सहने की क्षमता 70 किलो से बढ़कर 250 किलोग्राम हो जाएगी।

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English summary
ISRO to launch GSAT-6A communication satellite from Satish Dhawan Space Centre Sriharikota today.
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