'चंद्रयान-3' पूरा करेगा चांद पर लैंडिंग का सपना, इसरो ने शुरू कर दी है तैयारी
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नई दिल्ली। चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चांद पर चंद्रयान-3 को भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक इसरो वर्ष 2020 में अपना अगला उपग्रह चंद्रयान-3 को लॉन्च करेगा। बता दें, अभी चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में चक्कर काट रहा है और बुधवार को ही उसके चांद के सहत की 3डी तस्वीरें धरती पर भेजी हैं। इसरो के अबतक के सभी चंद्रयान मिशन सफल रहे हैं और ऐसी उम्मीद जताई जा रही हैं कि चंद्रयान-3 भारत के लिए काफी अहम होगा।
पूरा होगा लैंडिंग का सपना
बता दें, चंद्रयान-2 के पहली कोशिश में विक्रम लैंडर के फेल हो जाने के बाद इसरो ने चंद्रयान-3 की तैयारी शुरू कर दी गई है जिसके लिए 2020 तक की समयसीमा तय की गई है। मंगलवार को समीक्षा कमिटी की बैठक हुई जिसमें विभिन्न सब समितियों की सिफारिशों पर चर्चा हुई। वहीं, इसरो के सूत्रों से पता चला है कि, चंद्रयान-3 में नए पेलोड को जरूरत के मुताबिक बनाने में 2 वर्षों से ज्यादा का समय लग सकता है ऐसे में चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की समयसीमा बढ़ भी सकती है।
बढ़ सकती है समयसीमा
सूत्रों के मुताबिक, चंद्रयान-3 के लैंडर में चार और रोवर में 2 पुराने पेलोड लगाते हैं तो इन सबको बनाने में काफी समय लगेगा जो 2 वर्षों से भी ज्यादा हो सकता है। चंद्रयान-3 के लिए पैसों के एलॉटमेंट में भी समय लग सकता है इसकी एक पूरी प्रक्रिया होती है। सिफारिश को पहले इसरो मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और पीएमओ भेजता है। उनके बाद जब हर जगह से अनुमति मिल जाती है तो सरकार की तरफ से मिशन के लिए पैसे मिल पाते हैं।
चंद्रयान-2 ने भेजी 3डी तस्वीरें
बुधवार को चंद्रयान-2 ने टेरिन मैपिंग कैमरा से चांद की एक 3डी तस्वीर भेजी। यह तस्वीरें करीब चांद की सतह से 100 किलोमीटर ऊपर से ली गई है। चंद्रयान 2 द्वारा भेजी गई तस्वीरों में वह जगह भी दिखाई दे रही है जहां जीवन की संभावनाएं हैं। तस्वीरों में चांद की सतह पर बड़े-बड़े गड्ढे साफ देखे जा सकते हैं। इन तस्वीरों से भारतीय वैज्ञानिकों को आगे की खोज में काफी मदद होने वाली है। बता दें, इसरो ने 22 जुलाई को चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण किया था इसे आंध्रप्रदेश के श्री हरिकोटा से लॉन्च किया गया था।