चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने भेजी चांद की नई तस्वीर, ISRO की साझा
नई दिल्ली। इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के कैमरे से खींची गईं चांद की तस्वीरों को आज जारी किया है। ऑर्बिटर हाई रिजोल्यूशन कैमरे ने चंद्रमा के सतह की तस्वीर ली है। इस तस्वीर में चंद्रमा के सतह पर बड़े और छोटे गड्ढे नजर आ रहे हैं। 2,379 किलोग्राम का चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है जिससे यह फोटो खिची गई है। कुछ दिन पहले ही ऑर्बिटर से खींची तस्वीरों के जरिए इसरो ने विक्रम लैंडर की लोकेशन मिलने की जानकारी भी दी थी।
एक महीने बाद ऑर्बिटर ने ये तस्वीरें भेजी हैं
भारत के मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर 'विक्रम' से संपर्क टूटने के लगभग एक महीने बाद ऑर्बिटर ने ये तस्वीरें भेजी हैं। चांद की कक्षा में चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर मौजूद है जो 7.5 साल तक अपना काम करता रहेगा। इसी ऑर्बिटर हाई रिजोल्यूशन कैमरे से ली गईं चांद की नई तस्वीरों को इसरो ने साझा किया है। कुछ दिन पहले ही चांद की सतह पर लैंडर विक्रम की सटीक लोकेशन का पता लगाया गया था। ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर की एक थर्मल इमेज भी क्लिक की थी। हालांकि बाद में चांद पर रात होने के बाद इसरो की लैंडर विक्रम से संपर्क करने की उम्मीदें खत्म हो गई थीं।
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ऑर्बिटर की उम्र साढ़े 7 सालों से ज्यादा है
इसरो चीफ के. सिवन ने कहा था, ऑर्बिटर की उम्र साढ़े 7 सालों से ज्यादा है, न कि 1 साल, जैसा कि पहले बताया गया था। इसकी वजह है कि उसके पास बहुत ज्यादा ईंधन बचा हुआ है। ऑर्बिटर पर लगे उपकरणों के जरिए लैंडर विक्रम के मिलने की संभावना है। पिछले दिनों इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने यह भी साफ किया कि चंद्रयान-2 मिशन की 98 फीसदी सफलता की घोषणा उन्होंने नहीं की थी। यह घोषणा एनआरसी ने ही अपनी शुरुआती जांच के बाद की थी।
लैंडिंग से पहले लैंडर का टूटा था संपर्क
आपको बता दें कि 22 जुलाई को लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 में लैंडर और रोवर को चांद पर उतरना था जबकि ऑर्बिटर के हिस्से में चांद की परिक्रमा कर जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी थी। 7 सितंबर को लैंडर चांद की सतह को छूने से ठीक पहले करीब 2.1 किमी ऊपर इसरो के रेडार से गायब हो गया और अब तक उससे संपर्क स्थापित नहीं हो सका है।
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