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चंद्रयान-2 को लेकर आई एक और खुशखबरी, ISRO ने कहा अगले 7 साल तक काम करेगा ऑर्बिटर, जानें कैसे

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नई दिल्ली। चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग चंद्रमा पर नहीं हो पाई। इसरो से लैंडर के संपर्क टूटते ही देशभर में मायूसी छा गई। चंद्रयान 2 की सॉफ्ट लैंडिंग न होने से लोग हताश हो गए। इन सब हताशाओं के बीच इसरो की ओर से खुशखबरी आई। चंद्रयान के ऑर्बिटल ने लैंडर को खोज निकाला। लोगों की उम्मीद फिर से जग गई। इसरो की ओर से लगातार लैंडर विक्रम से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। अब चंद्रयान 2 को लेकर इसरो की ओर से एक और खुशखबरी साझा की गई है। विक्रम लैंडर भले अब तक संपर्क नहीं साधा जा सका है, लेकिन ऑर्बिटर लगातार घूम रहा है।

 ISRO extends Chandrayaan-2 mission life to 7 years. Here is how

इसरों ने दावा किया है कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चांद के चारों तरफ 1 साल नहीं बल्कि 7 साल से ज्यादा समय तक चक्कर लगा सकता है। इसरो ने कहा कि चंद्रयान 2 का लैंडर चंद्रमा पर अपने टागरेट से महज 500 मीटर की दूरी पर है। वहीं चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर लगातार चंद्रमा के चक्कर काट रहा है। इसरो के मुताबिक लॉन्च के दौरान चंद्रयान 2 में ईंधन करीब 1697 किलो ईंधन था। लॉन्च के बाद अब ऑर्बिटर में करीब 500 किलो ईंधन है जो उसे सात साल से ज्यादा समय तक काम करने की क्षमता प्रदान करता है। हालांकि ये भी कहा गया है कि ये सब अंतरिक्ष के वातावरण पर निर्भर करता है।

इसके अलावा ऑर्बिटर की लाइफ इस बात पर भी निर्भर करती है कि पिंडों, सैटेलाइटों, तूफानों और उल्कापिंडों से बचने के लिए उसे अपनी कक्षा में बदलाव करना होगा। कक्षा बदलने पर उसका ईंधन और उसकी लाइफ पर फर्क पड़ेगा। फिलहाल ऑर्बिटल चांद की कक्षा में 100 किलोमीटर की दूरी पर सफलतापूर्वक चक्कर लगा रहा है। इसरो वैज्ञानिक के साथ और खुद इसरो चेयरमैन डॉ. के. सिवन भी इस बात का दावा कर चुके हैं कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चांद के चारों तरफ 7 साल से ज्यादा समय चक्कर लगा सकता है।

आंकड़ों पर ध्यान दें तो 22 जुलाई को जब चंद्रयान 2 को लॉन्च किया गया तो ऑर्बिटर का कुल वजन 2379 था। वहीं ईंधन के बिना सिर्फ 682 किलो है। लॉन्चिंग के समय इसका वजन 1697 किलो था। ऑर्बिटर ने पृथ्वी के चारों तरफ 14 दिनों में 5 चक्कर लगाए। 1 सितंबर तक चांद के चारों तरफ ऑर्बिटर ने पांच बार अपनी कक्षाओं में बदलाव किया।

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English summary
The Chandrayaan-2 mission may have received a setback with the Vikram lander losing contact with Earth during its attempt to land on the Moon last Saturday.
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