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इसरो चीफ बोले कॉलेज से लेकर करियर तक में हमेशा अपनी पहली पसंद से रहे दूर

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बेंगलुरु। इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के चेयरपर्सन के सिवान ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में छात्रों को बताया कि स्‍टूडेंट और प्रोफेशनल लाइफ में उन्‍हें हमेशा अपनी पसंद की चीजों से दूर रहना पड़ा। उन्‍हें कभी वे चीजें हासिल नहीं हो सकी, जो उन्‍हें पसंद थीं। सिवान ने ये बातें इसरो के अनूठे कार्यक्रम 'संवाद विद स्‍टूडेंट्स (एसडब्‍लूयएस) के दौरान छात्रों से कहीं। संवाद विद स्‍टूडेंट, इसरो का छात्रों के लिए शुरू किया गया प्रोग्राम है। इस प्रोग्राम में छात्रों को उनके सवालों के जवाब मिलते हैं। सिवान बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष भवन में करीब 40 छात्रों और 10 अध्‍यापकों के बीच मौजूद थे।

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स्‍कूल और कॉलेज के समय नहीं मिला पसंद का कॉलेज

सिवान ने छात्रों को बताया, 'कॉलेज हो या करियर, मुझे हमेशा ही मेरी पहली पसंद नहीं हासिल हो सकी। हाई स्‍कूल के बाद मैं इंजीनियरिंग पढ़ना चाहता था लेकिन मैथमैटिक्‍स में बीएससी करनी पड़ी। इसके बाद मैं इंजीनियरिंग में आया और मैं इसरो सैटेलाइट सेंटर आईएसएसी बेंगलुरु में पढ़ना चाहता था लेकिन मुझे तिरुंवनतपुरम के विक्रम साराभाई स्‍पेस सेंटर को ज्‍वॉइन करना पड़ा।' उन्‍होंने आगे बताया कि वह एरोडायनामिक्‍स ग्रुप को ज्‍वॉइन करना चाहते थे लेकिन पीएसएलवी प्रोजेक्‍ट का हिस्‍सा बन गए। सिवान ने ये बातें आंठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र के सवाल के जवाब में कहीं जिसने उनसे युवावस्‍था में उनकी फर्स्‍ट च्‍वॉइसेज के बारे में पूछा था।

छात्रों को बताया अपनी प्रेरणा

कक्षा 10वीं के छात्र ने उनसे पूछा कि वैज्ञानिक असफलता का सामना कैसे करते हैं तो इस पर डॉक्‍टर सिवान का जवाब वाकई प्रेरणा देने वाला था। उन्‍होंने कहा कि जिंदगी में अहम और बड़ी शिक्षाएं तभी हासिल होती हैं जब योजनाएं असफल हो जाती हैं। इसरो के चेयरमैन ने कहा, 'स्‍पेस मिशन बहुत ही जटिल होते हैं और बाकी मिशन से एकदम अलग होते हैं। उन्‍हें कई बार एक अति सख्‍त माहौल में काम करना पड़ता है। हमारे पूर्वजों ने हमेशा बताया है कि असफलताओं के बाद आप कैसे एक सकारात्‍मक सोव के साथ चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।' छात्रों ने डॉक्‍टर सिवान से रॉकेट से लेकर सैटेलाइट और चंद्रयान से लेकर गगनयान तक पर सवाल पूछे। इसरो की ओर से बताया गया है कि इस प्रोग्राम के तहत देश भर के युवाओं को विज्ञान विषय के प्रोत्‍साहित करना है, चाहे वह स्‍कूल के हों या कॉलेज में पढ़ते हों। सिवान ने छात्रों को बताया कि वे, उनकी प्रेरणा के सबसे बड़े स्‍त्रोत हैं।

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English summary
ISRO Chief K Sivan denied admission from his choice of school.
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