इजरायल की मदद से दूर होगा बुंदेलखंड में पानी का संकट, यूपी की योगी सरकार ने की बड़ी डील
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (यूपी) देश का सबसे बड़ा राज्य और यहां के बुंदलेखंड क्षेत्र में पानी का संकट जगजाहिर है। अब इस संकट को सुलझाने के लिए भारत का वह साथी मदद करने को आगे आया है जो अब तक देश की सुरक्षा में सबसे बड़ा योगदान करता है। इजरायल ने यूपी के साथ एक समझौता किया है जिसके बाद बुंदेलखंड के लोगों को पानी की कमी नहीं होगी। गुरुवार को इजरायल और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच इसे लेकर एक डील हुई है।
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28 जिलों में से दो UP के
यूपी के कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा और भारत में इजरायल के राजदूत रॉन माल्का ने अपनी सरकारों की तरफ से समझौते पर साइन किए हैं। इस एग्रीमेंट को इंडिया-इजरायल-बुंदेलखंड वॉटर प्रोजेक्ट नाम दिया गया है। इसमें तीन चरण हैं जिनके जरिए मदद मिलेगी। जल संरक्षण, पानी को सही तरह से एक जगह से दूसरी जगह ले जाना और खेती के लिए आधुनिक तरीकों के जरिए पानी का प्रयोग करना, तीन प्वाइंट्स की मदद से संकट को सुलझाया जाएगा। आलोक सिन्हा ने कहा, 'हमनें उस दिन पर यह प्रोजेक्ट साइन किया है जब इजरायल में 'इंडिया डे' मनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए देश के 28 जिलों को चुना गया है जिसमें से दो उत्तर प्रदेश की हैं।'
पहले फेज में झांसी के 25 गांव
उन्होंने बताया कि पहले चरण में झांसी जिले के तहत आने वाले बबीना ब्लॉक के 25 गांवों का चयन किया गया है। यह समझौता दो सालों के लिए है और इसे आगे बढ़ाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का मकसद बुंदेलखंड के उन क्षेत्रों में पानी के संकट को दूर करना है जो सूखे से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। यह प्रोजेक्ट किसानों को अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से रूबरू कराना है जो पानी की बचत में सहायक होंगी। सिन्हा के मुताबिक झांसी में पाहुज बांध को ड्रिप इरीगेशन के लिए तैयार किया जाएगा। इसमें इजरायल के विशेषज्ञों की मदद लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के लिए ली जाएगी।
इजरायल से मिलेगी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी
सिन्हा ने बताया कि प्रोजेक्ट भूजल यानी ग्राउंड वॉटर मैनेजमेंट के लिए भी आदर्श साबित होगा। इसके अलावा सिचाईं और दूसरी बातों के लिए भी मदद पहुंचाएगा। देश को जहां मैनेजमेंट के गुण सीखने को मिलेंगे तो वहीं बुंदेलखंड और आसपास के क्षेत्रों में पानी का संकट दूर हो सकेगा। राजदूत रॉन माल्का ने कहा कि यह प्रोजेक्ट भारत और इजरायल के बीच जारी बहुआयामी साझेदारी का एक और उदाहरण है। उन्होंने बताया कि इजरायल अत्याधुनिक, उन्नत और अग्रणी टेक्नोलॉजी को उत्तर प्रदेश की सरकार के साथ शेयर करने के लिए उत्सुक है। उन्होंने कहा कि भारत में जल सुरक्षा, इजरायल की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
पीएम मोदी के दौरे पर हुए दो एग्रीमेंट
यह डील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2017 के इजरायल दौरे का ही हिस्सा है। इस दौरे पर इजरायल की तरफ से पानी संरक्षण के क्षेत्र में मदद का भरोसा दिया गया था। जब प्रधानमंत्री मोदी इजरायल गए थे तो दो बड़े समझौतों पर साइन हुए थे। एक समझौते के तहत जल संरक्षण को आगे बढ़ाना और दूसरे समझौते का मकसद भारत में पानी की उपयोगिता की स्थिति को सुधारना था। पिछले वर्ष जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इजरायल में आयोजित वॉटेक कॉन्फ्रेंस में शिरकत की थी। पानी को लेकर दोनों देशों के बीच सहयोग की दिशा में आयोजित यह एक बड़ी कॉन्फ्रेंस थी।