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मोदी-नेतान्याहू की दोस्ती से भारत में खत्म होगी वाटर प्रॉब्लम?

इजरायल जल प्रबंधन के मामले में दुनिया में सिरमौर है। यह देश जिस पानी का इस्तेमाल करता है उसमें से 90 फीसदी पानी रिसाइकल किया जाता है।

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। अपनी इजरायल यात्रा के अंतिम दिन पधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायली पीएम बेंजामिन नेतान्याहू के साथ समुद्र की लहरों के बीच गए और वहां समुंद्र के खारे पानी को प्योरिफाई किए जाने का लाइव टेस्ट किया। 'डिसालनेशन कार' में बैठने के बाद पीएम मोदी और इजरायली पीएम बीच पर घूमे और उसके बाद उसी कार में प्‍योरिफाइड पानी को पीएम मोदी ने पिया जिसके बाद उन्‍होंने पानी की क्‍वालिटी की तारीफ की। भारत ने इजरायल के साथ जल संरक्षण को लेकर एमओयू साइन किए है अगर वैसी टेक्नोलॉजी भारत में आ गई तो यहां पानी की समस्या ही खत्म हो जाएगी।

वाटर रीसाइक्लिंग में नंबर वन इजरायल

वाटर रीसाइक्लिंग में नंबर वन इजरायल

इजरायल जल प्रबंधन के मामले में दुनिया में सिरमौर है। यह देश जिस पानी का इस्तेमाल करता है उसमें से 90 फीसदी पानी रिसाइकल किया जाता है। शुष्क और अर्ध शुष्क इजरायल ने पानी के प्रबंधन से कैसे खुद को तैयार किया है, ये दुनिया के लिए सबक लेने वाली बात है। ऐसा कहा जाता है कि आने वाले समय में दुनिया में पानी को लेकर लड़ाई होगी। ऐसे में समंदर के पानी को प्‍योरिफाई करने वाली इजरायल की यह टेक्‍नोलॉजी भारत के लिए चमत्‍कार से कम नहीं है।

 90 फीसदी इस्तेमाल की गई पानी की रीसाइक्लिंग

90 फीसदी इस्तेमाल की गई पानी की रीसाइक्लिंग

वाटर रीसाइक्लिंग के मामले में इजरायल दुनिया में नंबर वन है इजरायल 90 फीसदी पानी को रिसाइकल कर लेता है जबकि स्पेन दूसरे नंबर पर है वहां बीस फीसदी पानी को रिसाइक्ल किया जाता है वहीं अमेरिका इस्तेमाल की गई पानी का एक फीसदी ही रिसाइक्ल कर पाता है।इजरायल की कंपनियां दुनिया के कई देशों को पानी संरक्षण करने में मदद कर रही है जिसमे अफ्रिका कैलिफोर्निया और भारत शामिल है।

बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति विकसित

बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति विकसित

इजरायली इंजीनियरों ने इसके अलावा बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति का विकास किया है, जिससे कि पानी के दुरुपयोग को रोका जा सके और कृषि आधारित पैदावार बढ़ाई जा सके। उसके बाद, इजरायल पानी से खारेपन को दूर करने से संबंधित प्रौद्योगिकी का आविष्कार कर इस क्षेत्र में भी अग्रणी साबित हुआ है ऐसे में अगर ये टेक्नोलॉजी भारत को मिल जाती है तो यहां पानी की समस्या ही खत्म हो जाएगी, क्योंकि भारत में इजरायल की तरह पानी की दिक्कत नहीं है।

सेंट्रलाइज्ड तरीके से होती है रीसाइक्लिंग

सेंट्रलाइज्ड तरीके से होती है रीसाइक्लिंग

वैज्ञानिक तथ्यों और प्रभावशाली प्रबंधन को मिलाकर, यहूदियों का यह देश पानी की असुरक्षा से बाहर निकल चुका है। यहां तक कि इजरायल अपने स्रोतों के जरिए वेस्ट बैंक, गाजा और जॉर्डन को बड़े स्तर पर पानी मुहैया कराता है। इतना ही नहीं, इजरायल प्रत्येक साल लाखों डॉलर मूल्य की मिर्च, टमाटर, खरबूज और अन्य जलीय उत्पादों का निर्यात करता है। इजरायल वेस्ट वाटर को सेंट्रलाइज्ड तरीके से, बेहद बड़े स्तर पर रिसाइकल करता है। घरों से निकलने वाले पानी को बड़े बड़े पाइपों के जरिए वाटर रिक्लेमेएशन प्लांट तक लाया जाता है।सोरेक डिसैलिनेशन प्लांट, तेल अवीव के दक्षिण में बालुई जमीन पर करीब नौ मील की दूरी पर खड़ा है। इसे अपनी तरह का दुनिया में सबसे बड़ा प्लांट कहा जाता है जोकि प्रतिवर्ष 40 बिलियन गैलन पेयजल पैदा करता है।

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English summary
israel reuses 90 percent of his waste water,is it possible in india
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