J&K: ISI ने रची बड़ी साजिश, पश्तून-अफगानी आतंकियों पर बढ़ाया फिदायीन हमलों का दबाव
नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई रोज नए पैंतरे बदल रहे हैं। अब जब जम्मू-कश्मीर में मोबाइल सेवाओं पर से पाबंदी हटा ली गई है तो आईएसआई ने नई चाल चली है। जानकारी के मुताबिक अब आईएसआई ने पश्तून और अफगानिस्तान मूल के आतंकवादियों को भर्ती करने और उन्हें भारत में घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। खबरों के मुताबिक खुफिया इनपुट्स से पता चला है कि पिछले कुछ दिनों में गैर-कश्मीरी और गैर-उर्दू भाषी आतंकवादियों की गतिविधियों में इजाफा देखा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि पाकिस्तानी एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अब अफगान मूल और पश्तो बोलने वाले आतंकवादियों की भर्ती पर जोर दे रहे हैं। इसके लिए हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के खैबर पख्तूनख्वा इलाके में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने आतंकवादी कमांडरों के साथ एक बैठक की है, जिसमें उन्हें हिदायत दी गई है कि वे अपने दहशतगर्दों को कश्मीर घाटी में आत्मघाती हमलों के लिए तैयार रखें।
इन सूचनाओं के बाद गृहमंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे जम्मू और कश्मीर में पश्तो-भाषी और अफगानी आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में जानकारियां जुटाते रहें। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आईएसआई घाटी में मोबाइल फोन पर पाबंदी हटाने का भरपूर फायदा उठाने की फिराक में है।
इस बीच घाटी में सक्रिय पाकिस्तान आतंकवादियों ने अपने नापाक हरकतों को अंजाम देना जारी रखा है। शोपियां जिले में उन्होंने दो फल कारोबारियों की गोली मारकर हत्या कर दी है। इससे पहले शोपियां के पड़ोसी अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों ने एक ऑपरेशन में कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा के तीन कुख्यात आतंकियों को मार गिराया था।
आंतकियों के ग्रुप ने भारत में की घुसपैठ, पंजाब-जम्मू के सैन्य ठिकानों पर हमले की आशंका