रमजान के दौरान यूपी में सांप्रदायिक दंगे करवा सकता है आईएसआई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मीडिया के माध्यम से राज्य की जनता से अपील की है कि रमजान के दौरान अगर कोई भी ऐसी बात आये, जिससे सांप्रदायिक दंगे भड़क सकते हैं, तो कृपया उसे नजरअंदाज कर दें, क्योंकि वो महज अफवाह हो सकती है। ऐसी अफवाह को फैलाने का काम कोई और नहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई कर सकती है।
इसी आशंका को देखते हुए पुलिस ने मुजफ्फरनगर समेत यूपी के कई संवेदनशील शहरों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। असल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए साम्प्रदायिक दंगों के बाद राहत शिविरों तक पहुंची पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई रमजान के महीने में रोजेदार और अतारियों के बीच न पहुंचे इसके लिए उप्र एटीएस विभिन्न गुप्तचर एजेंसियों के साथ मिलकर उनकी गतिविधियों पर निगाह रखे हुए है।
पुलिस ने मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर, रामपुर, आगरा और हापुड़ को बेहद संवेदनशील घोषित किया गया है। इससे जुड़ी और भी बातें पढ़े स्लाइडर में।
यूपी के 22 जिलों में सक्रिय आईएसआई
यूपी सरकार की मानें तो राज्य के 22 जनपदों में आईएसआई सक्रिय है। यही नहीं कुल 34 जनपद इस दृष्टिकोण से संवदेनशील भी बताये गये हैं। वहीं आईबी ने भी हाल ही में राज्य सरकार को आतंकी हमलों को लेकर एलर्ट किया था। जिसमें धार्मिक स्थलों अयोध्या, मथुरा और काशी के अलावा भीड़भाड़ वाले स्टेशनों और बाजारों पर भी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया था।
नाम पूछा और मार दी गोली
मुजफ्फरनगर दंगों के बाद अभी भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से लेकर मेरठ तक कई छिटपुट घटनाएं सामने आयी हैं, जिसमें राहगीरों को नाम पूछकर मार दिया गया है। ऐसा सिर्फ हिंदू और मुसलमानों के साथ ही हुआ है। यह खुलासा तब हुआ था जब सहारनपुर, मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर और हापुड़ में हुई घटनाओं में जान बचाकर भागने वालों ने दी।
एसटीएफ हुआ सक्रिय
इसके बाद उत्तर पुलिस ने इससे निपटने के लिए सभी जिलों के एसपी क्राइम और एटीएस को सक्रिय कर दिया। मस्जिदों और मदरसों में होने वाली आतारी और जुमे की नमाज में ऐसे लोगों पर निगाह लगाये बैठी हैं इसके लिए गांव के चैकीदार व स्थानीय सूत्रों को सक्रिय किया गया है।
क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था अमरेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया कि ऐसे माहौल से निपटने के लिए एटीएस को सक्रिय कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इफ्तार पार्टियों में संदिग्धों पर एटीएस अपनी नजर बनाये हुए है।
सुरक्षा बढ़ाई गई
प्रदेश में समय-समय पर आईबी की एलर्ट है। सच पूछिए तो यह अखिलेश सरकार के लिये इस वक्त की सबसे बड़ी चुनौती है।