क्या NDA में शामिल हो रही है YSR Congress? SAD-शिवसेना छोड़ चुकी है साथ
नई दिल्ली- आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया वाईएस जगन मोहन रेड्डी मंगलवार को सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं। वैसे तो प्रदेश के सीएम के तौर पर उनका प्रधानमंत्री से मिलना सामान्य सी बात है, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह मुलाकात दरअसल उनकी पार्टी के भाजपा की अगुवाई वाले सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल होने को लेकर है। यहां, यह गौर फरमाने वाली बात है कि जबसे आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की सरकार बनी है, उनके केंद्र की भाजपा सरकार से बहुत ही अच्छे ताल्लुकात रहे हैं और संसद से लेकर सभी तरह के नीतिगत मामलों में उन्होंने मोदी सरकार का खुलकर समर्थन किया है। यही वजह है कि उनके एनडीए में शामिल होने की चर्चा को और ज्यादा बल मिल रहा है।
एनडीए को मिलेगा वाईएसआर कांग्रेस का साथ?
कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले हफ्ते ही एनडीए की एक सबसे भरोसेमंद सहयोगी शिरोमणि अकाली दल मोदी सरकार का साथ छोड़ चुका है। जबकि, एक साल पहले महाराष्ट्र में साथ चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री बनने के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना एनडीए का साथ छोड़कर कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला चुकी है। ऐसे में अगर वाईएसआर कांग्रेस एनडीए में आती है तो उसे लगे दोनों झटकों पर बहुत बड़ा मरहम लग सकता है। मंगलवार को सुबह 10.30 बजे आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का कार्यक्रम है। जगन की पार्टी के एक नेता ने कहा है, 'एनडीए का हाथ मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री वाईएसआरसीपी को आमंत्रित कर सकते हैं।' दो हफ्ते पहले ही 22 सितंबर को जगन रेड्डी दिल्ली आए थे और उस दौरान उनकी मुलाकात गृहमंत्री अमित शाह से हुई थी। माना जा रहा है कि उसी मुलाकात में उनके भाजपा सहयोगी बनने का रास्ता साफ हो गया था। हालांकि, उस समय वह प्रधानमंत्री से नहीं मिल सके थे।
सरकार में भी शामिल होने के चर्चे
चुनावी सर्वे पर डाटा एनालिसिस करने वाली एक कंपनी वीडीएस एसोसिएट ने ट्वीट करके कहा है कि, 'जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने वाईएसआरसीपी को 2 कैबिनेट और 1 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का ऑफर दिया। जगन से कहा गया है कि पीएम मोदी से खास बातचीत के लिए दिल्ली आएं।' हालांकि, पार्टी के नेता का कहना है कि 'प्रधानमंत्री अपनी सरकार में पार्टी को एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का ऑफर दे सकते हैं।' वैसे 303 लोकसभा सांसदों वाली भाजपा को अपनी सरकार के लिए किसी की सहायता की दरकार नहीं है। लेकिन, राज्यसभा में जबतक बहुमत नहीं मिल जाता, तबतक उसके लिए यही पार्टियां वरदान साबित हो रही हैं। वैसे सांसदों की संख्या के हिसाब से देखें तो लोकसभा में इसके 22 सांसद हैं और राज्यसभा में 6 एमपी हैं। ऐसे में इस पार्टी का गठबंधन में आ जाना एनडीए सरकार के लिए एक बड़ी सफलता समझी जा सकती है।
कृषि बिल और राज्यसभा उपसभापति के चुनाव में भी दिया साथ
तथ्य ये भी है कि जब से पिछले साल मई में आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की सरकार बनी है, भाजपा की सहयोगी ना होते हुए भी वाईएसआरसीपी ने सहयोगियों से बढ़कर साथ दिया है। जिन मुद्दों पर कई बार एनडीए के सहयोगी राज्यसभा में उलझन में पड़ते दिखाई पड़े हैं, यह पार्टी मोदी सरकार के साथ खड़ी रही है। ताजा उदाहरण कृषि विधेयकों का है, जिसके विरोध में शिरोमणि अकाली दल साथ छोड़कर चला गया, वाईएसआर कांग्रेस ने दोनों सदनों में विधेयकों के समर्थन में वोट किया। उससे पहले हरिवंश नारायण सिंह के दोबारा राज्यसभा के उपसभापति चुने जाने में भी उसने एनडीए गठबंधन का साथ दिया।
दोनों को यह साथ पसंद है!
यही नहीं जीएसटी मुआवजे और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के क्षेत्र में भी पार्टी ने मोदी सरकार के विकल्पों और प्रस्तावों को स्वीकार किया है। कुछ राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि वाईएसआर कांग्रेस का एनडीए में जाना भाजपा और जगन दोनों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। बीजेपी को राज्यसभा में महत्वपूर्ण विधेयकों को पास करवाते रहने के लिए जगन जैसा भरोसेमंद सहयोगी चाहिए तो तरफ जगन को आंध्र प्रदेश को मौजूदा वित्तीय स्थिति से उबारने के लिए मोदी सरकार का साथ चाहिए। वैसे जगन मोहन रेड्डी पहले से कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी का समर्थन मुद्दा आधारित रहेगा, जिसमें राज्य की भलाई हो।(तस्वीरें-फाइल)