तो क्या राष्ट्रपति पद के लिए यही है नरेंद्र मोदी का चौंकाने वाला नाम?
देश के अगले राष्ट्रपति के लिए पीएम नरेंद्र के पास है एक ऐसा नाम जिसे खारिज करना आसान नहीं होगा विपक्षी दलों के लिए
नई दिल्ली। देश में अगले राष्ट्रपति का चुनाव जुलाई माह में होना है और इसके लिए तमाम दल अपनी पसंद के उम्मीदवार को लेकर एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ जहां भाजपा अपनी पसंद के उम्मीदवारों को लेकर मंथन कर रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस तमाम विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश में जुटी है ताकि वह अपनी पसंद के उम्मीदवार को देश के अगले राष्ट्रपति के तौर पर चुन सके। लेकिन इन सब के बीच भाजपा के भीतर एक ऐसे नाम को लेकर चर्चा हो रही है जिसे बहुत ही कम लोग जानते हैं।
कई नामों पर हो चुकी है चर्चा
सूत्रों की मानें तो द्रौपदी मुरमू देश की अगली राष्ट्रपति हो सकती हैं और उनके नाम पर लगभग सहमति बन चुकी हैं और पीएम मोदी उनके नाम को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त भी हैं। माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने द्रौपदी मुरमू के नाम पर अपनी सहमति दे दी है और उनके नाम की जल्द ही घोषणा हो सकती है। देश के राष्ट्रपति के पद को लेकर भाजपा में कई नामों को लेकर चर्चा चल रही थी, जिसमे लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, रजनीकांत थे। लेकिन इन तमाम नामों के बीच चर्चा के बीच खुद पीएम मोदी एक चौंकाने वाला नाम लेकर सामने आए हैं
कौन हैं द्रौपदी मुरमू
द्रौपदी मुरमू मौजूदा समय में ओडिशा की राज्यपाल हैं, राजनीति में द्रौपदी का अनुभव दो दशक से अधिक का है। ऐसे में अगर द्रौपदी मुरमू देश की अगली राष्ट्रपति बनती हैं तो वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। वह बिरांची नारायण टुडू की बेटी हैं। द्रौपदी ओडिशा सरकार में पहले मंत्री भी रह चुकी हैं।
दो बार रह चुकी हैं मंत्री
द्रौपदी मुरमू को को बेस्ट विधायक के खिताब से भी नवाजा जा चुका है। । ओडिशा विधानसभा ने 2007 में द्रौपदी को बेस्ट एमएलए के खिताब से नवाजा था, उन्हें नीलकंठ अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। 1997 में द्रौपदी को विधायक चुना गया था, जिसके बाद वह रायरंगपुर एनएसी की उपाध्यक्ष बनी थीं। द्रौपदी मुरमू ओडिशा के रायरंगपुर से विधायक चुनी गई थी, जिसके बाद वह 2002, 2009 में मंत्री बनी, जिसके बाद वह भाजपा में एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रही।
आसान नहीं होगा विपक्ष के लिए विरोध करना
मौजूदा समय में देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है। ऐसे में अगर द्रौपदी मुरमू का चयन होता है तो वह देश की पहली राष्ट्रपति होंगी जो आदिवासी होंगी। सूत्रों की मानें तो विपक्ष के लिए द्रौपदी मुरमू के नाम को खारिज करना आसान नहीं होगा, माना जा रहा है कि वह ऐसे उम्मीदवार के तौर पर उभरेंगी जिसपर सबकी सहमति होगी।