पाक पर ट्रंप का नया कमेंट, क्या वाकई भारत के लिए चिंता की बात ?
पाकिस्तान की ओर से जारी रीडआउट पर है भारत की भी नजरें। पाकिस्तान का दावा है कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की तारीफ की है और सभी मुद्दों को सुलझाने का वादा किया है।
नई दिल्ली। गुरुवार की सुबह-सुबह भारत में भी यह खबर जंगल में आग की तरह फैली कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ फोन पर हुई बातचीत में पाकिस्तान की तारीफ की है। यह खबर उस समय आई जब पाकिस्तान की प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरों (पीआईबी) की ओर से उस रीडआउट को जारी किया गया तो ट्रंप और शरीफ की बातचीत से जुड़ा था।
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सच्चाई किसी को नहीं मालूम
इस रीडआउट में कितना सच है या सिर्फ एक गप्पबाजी है इस बारे में भी कुछ नहीं पता। अमेरिकी मीडिया ने ट्रंप की टीम से इस बारे में जानने की कोशिश की है लेकिन अभी तक कोई भी जवाब नहीं आया है।
इस रीडआउट को जानने के बाद चुनावों से पहले वाले डोनाल्ड ट्रंप और चुनावों के बाद वाले राष्ट्रपति ट्रंप में काफी अंतर नजर आता है।
भारत की नजरें भी इस रीडआउट पर बनी रहीं। वहीं भारतीय अधिकारियों का कहना है कि वह इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं।
वह यह भी मानते हैं कि अगर रीडआउट में कहीं हुई सारी बातें सच हैं तो फिर यह ट्रंप के पाकिस्तान पर उनके रुख में बड़ा बदलाव होगा। चुनावों से पहले ट्रंप पाकिस्तान को कई बार कोस चुके हैं।
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क्या कश्मीर पर बात कर रहे थे ट्रंप
इस रीडआउट के मुताबिक ट्रंप ने पाकिस्तान से वादा किया है कि बचे हुए सभी मुद्दों को सुलझाएंगे। पाक ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है कि आखिर ये मुद्दे कौन से हैं जिनका जिक्र ट्रंप कर रहे थे। अगर ट्रंप का मतलब कश्मीर से है तो फिर भारत इस बात से खुश नहीं होगा।
वहीं भारतीय अधिकारी यह भी कहते हैं कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी एक बार कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की बात कही थी। सत्ता में आने के बाद उनका रुख बदल गया था। ट्रंप का किस्सा भी कुछ ऐसा ही है।
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आधिकारिक बयान का इंतजार
अधिकारी फिलहाल ट्रंप के व्हाइट हाउस ऑफिस पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। पाक और चीन अब और करीबी हो चुके हैं।
अमेरिका के साथ पाक की दूरियां अब सबको नजर आ रही हैं। सीआईए के इशारों पर चलने वाला अमेरिका निश्चित तौर पर पाकिस्तान में एक ऐसी जगह चाहेगा जहां से वह भारत, चीन, अफगानिस्तान और ईरान पर भी नजर रख सके।
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चीन से पाक को दूर करने की सोच
ट्रंप के चुनावी अभियान पर अगर नजर डाली जाए तो साफ होता है कि ट्रंप चीन के भी विरोधी हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप की यह फोन कॉल पाकिस्तान को अपने करीब कर उसे चीन से दूर करने का रास्ता हो सकती है।
भारत के अधिकारी फिलहाल ट्रंप की टीम की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। तब तक भारत को उसी रीडआउट पर भरोसा करना पड़ेगा जिसे पाकिस्तान ने जारी किया है।
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पाक के आलोचक हैं ट्रंप
वर्ष 2012 में ट्रंप ने ट्विटर पर आकर पाक को काफी कोसा था। उन्होंने उस समय पाक के साथ रिश्ते खत्म करने की बात कही थी।
ट्रंप ने तब कहा था कि छह वर्ष तक ओसामा बिन लादेन पाक में छिपा रहा और पाक ने उसे सुरक्षित ठिकाना दिया हुआ था।
इसके अलावा इसी वर्ष 17 जनवरी को उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, 'यह बात बहुत सीधी है: पाकिस्तान हमारा दोस्त नहीं है। हमनें पाकिस्तान को बिलियन डॉलर्स दिए हैं और हमें क्या मिला? बेइज्जती और धोखा और इससे भी बहुत बुरा।'
परमाणु हथियारों की वजह से भी ट्रंप पाकिस्तान को एक खतरनाक देश तक बता चुके हैं।