जब नवाज की अदाकारी देख रो पड़े थे इरफान खान, कबीर खान ने साझा किया अनुभव, आप भी देखिए वो Video
नई दिल्ली। फिल्म अभिनेता इरफान खान का का पिछले हफ्ते 53 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इरफान खान के निधन को तकरीबन एक हफ्ते के बाद भी लोगों को इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि उनका पसंदीदा एक्टर अब उनके बीच नहीं है। लोग सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी तमाम बातों को साझा कर रहे हैं। फिल्म जगत के लोग भी इरफान खान से जुड़ी यादों को साझा करके उन्हें याद कर रहे हैं। फिल्म निर्माता कबीर खान ने भी इरफान खान को याद करते हुए कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें इरफान खान के साथ काम करने का मौका मिला।
फिल्म न्यूयॉर्क में किया था अभिनय
कबीर खान ने फिल्म न्यूयॉर्क बनाई थी, इस फिल्म जॉन अब्राहम, कैटरीना कैफ, नील नितिन मुकेश, इरफान खान थे। फिल्म से जुड़ी यादों को साझा करते हुए कबीर खान ने इरफान खान को बेहतरीन एक्टर बताया है। फिल्म से जुड़ी याद को कबीर खान ने साझा किया, जिसे जानकर आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे। दरअसल कबीर खान नवाजुद्दीन सिद्दीकी के के साथ न्यूयॉर्क फिल्म का सीन शूट कर रहे थे, उस वक्त नवाज लोगों में लोकप्रिय नहीं हुए थे। लेकिन बावजूद इसके इरफान खान फिल्म के इस सीन को देखना चाहते थे, जिसमे नवाज ने बेहद संजीदा और भावुक अदाकारी की थी।
रो पड़े थे इरफान
कबीर खान बताते हैं कि नवाज के सीन को देखकर इरफान खान एक सेकेंड के लिए भी अपनी पलकें नहीं झपका पाए और नवाज की अदाकारी देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए। इससे आपको यह अंदाजा लग जाएगा कि इरफान खान किस कदर भावुक कलाकार थे और कला का सम्मान करते थे। कबीर खान ने बताया कि इरफान खान अपने कैरेक्टर के बेहद करीब थे और वह इसकी गहराई को समझते थे। वह बेहतरीन कलाकार थे। इरफान खान के निधन के बाद कबीर सिंह भी काफी दुखी हैं और कहते हैं कि उन्हें भूल पाना मुश्किल है।
कैंसर से हुआ निधन
2018 में इरफान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था गौरतलब है कि इरफान खान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर हुआ था। मार्च 2018 में इरफान को अपनी बीमारी का पता चला था। इसका उन्होंने लंदन में इलाज भी कराया था। अप्रैल 2019 में भारत लौटने के बाद इरफान ने 'अंग्रेजी मीडियम' फिल्म की शूटिंग की थी। मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले इरफान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के छात्र रह चुके थे। छोटे पर्दे पर उन्होंने ‘भारत एक खोज' में भी काम किया था। इसके बाद वो फिल्मों में आए। 'मकबूल', 'लाइफ इन अ मेट्रो', 'द लंच बॉक्स', 'पीकू', 'हिंदी मीडियम', 'हासिल', 'पान सिंह तोमर' जैसी फिल्मों ने उन्हें एक अलग मुकाम दिया।
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