त्रयंबकेश्वर में विशेष पूजा के बाद वापस लंदन लौटे इरफान खान
मुंबई। लंदन में कैंसर (न्यूरो एंडोक्राइन ट्यूमर) का इलाज करा रहे एक्टर इरफान खान हाल ही में भारत आए थे। स्पॉट बॉय की रिपोर्ट के मुताबिक, वह दो दिन के लिए भारत आए इस दौरान उन्होंने नासिक के प्रसिद्धि त्रयंबकेश्वर शिव मंदिर में विशेष हवन और पूजा अर्चना की। रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा-पाठ का काम पूरा होते ही वह वापस इलाज के लिए लंदन लौट गए। इरफान की हालत में पहले सुधार की खबरें आ रही हैं, लेकिन वह पूरी तरह ठीक नहीं हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इरफान खान मार्च भारत लौट सकते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि उन्हें पूरी तरह ठीक होने में उन्हें काफी वक्त लगेगा और वह मार्च के बाद शूटिंग करना शुरू कर सकते हैं।
विष्णु, ब्रह्मा और शिव तीनों एक साथ हैं विराजमान
भगवान
शिव
को
समर्पित
त्रयंबकेश्वर
मंदिर
12
ज्योतिर्लिंगों
में
एक
है।
ऐसा
माना
जाता
है
कि
इस
मंदिर
में
भगवान
शिव,
भगवान
विष्णु
और
भगववान
ब्रह्मा
तीनों
एक
साथ
विराजमान
हैं।
यह
मंदिर
गोदावरी
नदी
के
पास
ही
स्थित
है।
इरफान
खान
इसी
मंदिर
में
क्यों
आए
और
वहां
कौन
सी
पूजा
कराई,
यह
तो
रिपोर्ट
में
सामने
नहीं
आया
है,
लेकिन
उन्होंने
विशेष
पूजा
जरूर
कराई
है,
यह
बात
सामने
आ
चुकी
है।
मार्च में लौटकर शुरू कर सकते हैं शूटिंग
कुछ दिनों पहले खबर आई थी इरफान खान हिंदी मीडियम-2 की शूटिंग शुरू करने जा रहे हैं, लेकिन बाद में उनके प्रवक्ता ने इन खबरों को सिरे से खारिज कर दिया था। अब ऐसा कहा जा रहा है कि मार्च में इलाज कराने के बाद इरफान खान हिंदी मीडियम-2 की शूटिंग करेंगे। इसके अलावा इरफान खान और दीपिका पादुकोण 'सपना दीदी' और 'उधम सिंह' की बायोपिक पर भी इलाज के बाद काम शुरू होने की खबरें हैं।
जब इरफान ने बयां किया दर्द- मैं जिंदगी को करीब से महसूस कर रहा हूं
इरफान खान ने कुछ दिनों पहले लेटर लिखकर अपना दर्द साझा किया था। 51 वर्षीय इरफान खान ने लिखा था, 'अनिश्चित ही निश्चित है'। इरफान ने लिखा, "मैं जिस अस्पताल में भर्ती हूं, उसमें बालकनी भी है। बाहर का नजारा दिखता है। कोमा वार्ड ठीक मेरे पास ही है। सड़क की एक तरफ मेरा अस्पताल है और दूसरी तरफ लॉर्ड्स स्टेडियम है। यहां मेरे विवियन रिचर्ड्स का मुस्कुराता पोस्टर है। मेरे बचपन के ख्वाबों का मक्का। उसे देखने पर पहली नजर में मुझे कोई एहसास ही नहीं हुआ। मानो वह दुनिया कभी मेरी थी ही नहीं।' वह आगे लिखते हैं- 'एक तरफ मेरा अस्पताल था, दूसरी तरफ स्टेडियम। इस बीच एक सड़क थी जो मुझे जिंदगी और मौत के बीच का रास्ता जैसा लग रही थी, लेकिन ये सारी चीजें मुझे बस ये एहसास करा रहीं थी कि जिंदगी में अनिश्चित ही निश्चित है। मुझे पहली बार असल मायने में एहसास हुआ कि आजादी का मतलब क्या है।' इरफान ने लिखा, 'मेरी बीमारी का पता चलने के बाद बहुत से लोग मेरे लिए दुआ कर रहे हैं। कई लोग जो मुझे जानते भी नहीं। सबकी दुआएं एक फोर्स बनकर मेरे स्पाइनल कॉर्ड के जरिए अंदर आते हुए सिर तक जा रही हैं। मैं जिंदगी को बहुत करीब से महसूस कर रहा हूं।'