मणिपुर की ‘आयरन लेडी’ इरोम शर्मिला को विधानसभा चुनावों में मिली हार, सिर्फ 85 वोट्स ही मिलेें
अफस्पा के खिलाफ हड़ताल करने वाली और राजनीति में पहली पारी खेलने वाली इरोम शर्मिला मणिपुर में मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के हाथों विधानसभा चुनावों में हारीं।
इंफाल। राजनीतिक मैदान में पारी खेलने उतरीं सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला अपना पहला चुनाव मणिपुर में हार चुकी हैं। इरोम को मणिपुर के थोउबाल से मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा है।
अब 2019 में फिर आजमाएंगी किस्मत
इरोम शर्मिला जो पीपुल्स रिसर्जेंस जस्टिस अलायंस पार्टी की फाउंडर हैं, उन्हें मणिपुर में 'आयरन लेडी' के नाम से जाना जाता है। शनिवार को जब मणिपुर में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने शुरू हुए तो उसमें शर्मिला को सिर्फ 85 वोट्स ही मिल सके हैं। इससे पहले जब एग्जिट पोल आया तो इरोम शर्मिला ने कहा था कि उन्हें इससे काफी फर्क नहीं पड़ता है। इरोम ने उस समय कहा था कि वह वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में किस्मत आजमाएंगी। इरोम ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा था कि उन्हें नतीजों से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। नतीजे लोगों की सोच पर निर्भर करते हैं और उन्हें नहीं लगता है कि कोई ज्यादा फर्क पड़ने वाला है। लोग आने वाले समय में अपनी सोच फिर से बदल सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने पार्टियों पर सत्ता और पैसे की ताकत के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
बीजेपी पर लगाया आरोप
इरोम शर्मिला ने पिछले वर्ष आर्म्ड फोर्सेजस्पेशल पावर एक्ट्स यानी अफस्पा के खिलाफ अपनी 16 वर्षों तक चली हड़ताल खत्म की है। इरोम शर्मिला ने फरवरी में बीजेपी पर आरोप लगाया था कि अनशन खत्म होने के कुछ दिन बाद पार्टी ने उनसे संपर्क किया था। पार्टी ने मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के खिलाफ उन्हें भाजपा ने टिकट देने की पेशकश भी की थी लेकिन वो निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहती थीं। शर्मिला का आरोप था कि बीजेपी ने उन्हें बताया था कि इबोबी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए 36 करोड़ रुपए मिलेंगे।