CAG की रिपोर्ट के बाद ट्रेन में खाने की क्वालिटी सुधारने के लिए नई पॉलिसी लाया रेलवे
नई दिल्ली। भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की ओर से संसद में भारतीय रेलवे के खाने पर दाखिल की गई रिपोर्ट के बाद रेल मंत्रालय ने कदम उठाया है। रेल मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) नई कैटरिंग पॉलिसी बनाएगा।
खाना की क्वालिट बढ़ाने की प्रक्रिया में IRCTC नए किचेन सेट अप करेगा। मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि IRCTC तो प्रथमदृष्ट्या खाद्य तैयार करने और भोजन वितरण के बीच अंतर पैदा करना अनिवार्य कर दिया गया है।
CAG की रिपोर्ट में कहा गया था...
बता दें कि रेलवे की ओर से यह बयान CAG की उस रिपोर्ट के बयान के बाद आया है जिसमें नों और स्टेशनों पर परोसी जा रही चीजें प्रदूषित हैं। पैक्ड वस्तुओं को उनके एक्सपाइरी डेट के गुजर जाने के बावजूद भी बेचा जा रहा है। इसके अलावा, अनाधिकृत ब्रैंड की पानी की बोतलें बेची जा रही हैं।
जांच में यह भी पाया गया कि रेलवे परिसरों और ट्रेनों में साफ-सफाई का बिलकुल ध्यान नहीं रखा जा रहा। इसके अलावा, ट्रेन में बिक रहीं चीजों का बिल न दिए जाने और फूड क्वॉलिटी में कई तरह की खामियों की भी शिकायतें हैं।
CAG के निरीक्षण के दौरान किसी भी ट्रेन में वेटरों और कैटरिंग मैनेजरों के पास बेचे जाने वाले प्रोडक्ट्स का मेन्यू और रेट कार्ड नहीं मिला। रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि रेलवे स्टेशनों और रेलगाड़ी के अंदर बाहरी मार्केट की तुलना में मनमर्ज़ी कीमतों पर चीजें बेची जा रही हैं। कुछ दिनों पहले रेलवे कैटरिंग में आरटीआई के हवाले से भारी भ्रष्टाचार का मामला भी सामने आया था। आरटीआई एक्टिविस्ट अजय बोस को रेल विभाग द्वारा दिए गए आरटीआई जवाब से पता चला था कि रेलवे के कैटरिंग विभाग ने वस्तुओं को उनके बाज़ार भाव के 10 गुने तक के दामों में खरीदा था।