RTI से मांगी तेजस ट्रेन की कमाई की जानकारी, IRCTC ने बताने से किया इनकार
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने पिछले साल आईआरसीटीसी की मदद से प्राइवेट स्तर पर रेलगाड़ियों का संचालन शुरू किया था। इसके पहले देश में सबसे पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस चलाई गई थी। आईआरसीटीसी से सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जब इन गाड़ियों की कमाई को लेकर पूछा गया तो आईआरसीटीसी ने यह बताने से साफ इनकार कर दिया है कि तेजस ट्रेनें चलाने से उसे कितनी कमाई हो रही है। वहीं इस मामले में पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त ने कहा है कि कोई सरकारी उपक्रम ऐसी सूचना देने से इनकार नहीं कर सकता है।
ट्रेड सीक्रेट की दलील देकर जानकारी देने से किया इनकार
जानकारी साझा नहीं किये जाने के पीछे आईआरसीटीसी की दलील है कि यह सूचना कंपनी ट्रेड सीक्रेट से जुड़ी होने के चलते खुलासे के दायरे से कानूनन बाहर है। मध्यप्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि उन्होंने 13 दिसंबर 2019 को आईआरसीटीसी को आरटीआई के तहत अर्जी भेजकर जानना चाहा था कि रेल मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम को तेजस ट्रेनें चलाने से कुल कितना राजस्व प्राप्त हुआ है और इस परिचालन से उसे कितना शुद्ध मुनाफा या घाटा हुआ है?
नहीं बताया, तेजस को कितना हुआ मुनाफा
गौड़ ने बताया कि आईआरसीटीसी के एक केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने 27 दिसंबर 2019 को यह कहते हुए उक्त जानकारी देने से इंकार कर दिया कि वर्ष 2005 के आरटीआई अधिनियम के तहत कमाई, मुनाफे और घाटे से जुड़ा ब्योरा उन बिंदुओं की सूची में रखा गया है जिनके खुलासे से कानूनी छूट प्राप्त है। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि आईआरसीटीसी के इस जवाब को चुनौती देते हुए उन्होंने इसके खिलाफ अपील दायर की थी।
सरकारी उपक्रम ऐसी सूचना देने से इनकार नहीं कर सकता
लेकिन आईआरसीटीसी के एक प्रथम अपील अधिकारी ने 11 फरवरी को दिये गये आदेश में सीपीआईओ के जवाब को सही ठहराया और उनकी अपील खारिज कर दी। प्रथम अपील अधिकारी ने कहा, यह सूचित किया जाता है कि आपके द्वारा मांगी गयी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी जा सकती, क्योंकि यह कंपनी (आईआरसीटीसी) के आंतरिक दस्तावेजों से जुड़ी है जिनमें ट्रेड सीक्रेट शामिल हैं। वर्ष 2005 के आरटीआई अधिनियम के तहत इस सूचना के खुलासे से छूट प्राप्त है।
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