भारत में रूहानी: पीएम मोदी से हैदराबाद हाउस में मिले ईरानी राष्ट्रपति
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आज दिल्ली में हैं। रूहानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी उनकी एक खास मीटिंग है। शनिवार को रूहानी सबसे पहले राजघाट गए और यहां पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आज दिल्ली में हैं। रूहानी ने आज हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी उनकी एक खास मीटिंग है। शनिवार को रूहानी सबसे पहले राजघाट गए और यहां पर उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। रूहानी को राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। ईरानी राष्ट्रपति पीएम मोदी से मिलने के अलावा कई और नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इन मुलाकातों से अलग आज वह ऑव्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में भी एक खास संबोधन देंगे।
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तीन दिन के दौरे पर रूहानी
तीन
दिन
के
भारत
दौरे
पर
आए
ईरान
के
राष्ट्रपति
हसन
रूहानी
आज
राष्ट्रपति
भवन
पहुंचे,
जहां
उन्होंने
राष्ट्रपति
रामनाथ
कोविंद
और
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
से
मुलाकात
की।
पीएम
मोदी
और
राष्ट्रपति
कोविंद
से
मुलाकात
के
बाद
ईरानी
राष्ट्रपति
राजघाट
पहुंचे।
रूहानी
ने
यहां
राष्ट्रपिता
महात्मा
गांधी
की
समाधि
पर
पुष्पाजंलि
अर्पित
की।
इस
मुलाकात
में
रणनीतिक
रूप
से
महत्वपूर्ण
चाबहार
पोर्ट
पर
फैसला
हो
सकता
है।
पीएम
मोदी
से
मुलाकात
से
पहले
उन्हें
राष्ट्रपति
भवन
में
उन्हें
गार्ड
ऑफ
ऑनर
दिया
गया।
रूहानी
आज
व्यापारियों
से
भी
मुलाकात
करेंगे।
राष्ट्रपति
हसन
रूहानी
बाद
में
ऑब्जर्वर
रिसर्च
फाउंडेशन
को
संबोधित
करेंगे।
अगस्त
2013
में
कार्यभार
संभालने
के
बाद
ईरान
के
सातवें
राष्ट्रपति
की
यह
पहली
भारत
यात्रा
है.
भारत
और
ईरान
के
बीच
मजबूत
आर्थिक
और
वाणिज्यिक
संबंध
है।
पीएम
मोदी
की
वर्ष
2016
में
ईरान
यात्रा
के
दौरान
करीब
एक
दर्जन
से
अधिक
समझौते
पर
साइन
किये
गए
थे।
चाबहार पोर्ट का मुद्दा सबसे ऊपर
आज रूहानी जब पीएम मोदी से मुलाकात कर रहे हैं तो दोनों नेताओं के बीच बातचीत के कई मुद्दों के बीच चाबहार पोर्ट का मुद्दा सबसे ऊपर होगा। भारत के लिए यह बंदरगाह रणनीतिक रूप से काफी अहम है क्योंकि इस बंदरगाह के जरिए व्यापार, सुरक्षा और कनेक्टिविटी जैसे लक्ष्य को हासिल कर सकता है। इसके साथ ही यह बंदरगाह भारत को अफगानिस्तान तक में अपनी पकड़ बनाने में भी कारगर साबित हो सकता है। चाबहार पोर्ट पर हुए समझौते के तहत भारत ने 85 मिलियन डॉलर के निवेश की तैयारी की है। यह पोर्ट साउथ-ईस्ट ईरान में स्थित है और इस पोर्ट के जरिए पाकिस्तान से गुजरते हुए भारत को अफगानिस्तान, मध्य एशिया के दूसरे कुछ और देशों और यूरोप तक पहुंचने में सफलता मिल सकेगी। भारत दुनिया का दूसरा देश है जो सबसे ज्यादा कच्चा तेल और नैचुरल गैस ईरान से आयात करता है।
वीजा प्रक्रिया पर भी होगी बात
उन्होंने कहा था कि खाड़ी देश में चाबहार बंदरगाह भारत के लिए (पाकिस्तान से गुजरे बिना) ईरान और अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों तथा यूरोप तक ट्रांजिट मार्ग खोलेगा। करार के तहत दक्षिण-पूर्वी ईरान में चाबहार बंदरगाह को तैयार करने के लिए भारत को 8.5 करोड़ डालर का निवेश करना है। वहीं ईरान के साथ दोनों देशों के नागरिकों को आसानी से वीजा देने की प्रक्रिया पर भी चर्चा होगी। भारत को उम्मीद है कि ईरान, उसके नागरिकों को आसानी से वीजा देने के लिए हामी भरेगा। ईरान और भारत दोनों की तरफ से पहले ही दोनों भारतीय उद्योगपतियों को भारतीय मुद्रा में ईरान में निवेश करने की सुविधा वाले तंत्र को शुरू कर दिया गया है। इस कदम को दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।
पहला पड़ाव हैदराबाद
रूहानी 15 फरवरी को भारत आए थे और उन्होंने शुक्रवार को यहां की प्रसिद्ध मक्का मस्जिद में प्रार्थना की थी। इसके अलावा रूहानी कुतुब शाही मकबरे पर भी गए थे। रूहानी सबसे पहले हैदराबाद जाएंगे और यहां पर वह मुस्लिम बुद्धिजीवियों और मौलानाओं को संबोधित करेंगे। 16 फरवरी को वह हैदराबाद की एतिहासिक मक्का मस्जिद में जाकर प्रार्थना करेंगे। रूहानी दूसरी बार हैदराबाद आ रहे हैं। वह ईरान के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद खत्माई के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर के तौर पर 24 जनवरी 2003 को भारत आए थे। खत्माई चार दिनों के लिए तब भारत में थे और उन्होंने तत्कालीन भारतीय पीएम अटल बिहारी वाजपेई से मुलाकात भी की थी। दोनों देशों ने नई दिल्ली घोषणा पत्र साइन किया था और इस घोषणा में भारत और ईरान के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने का ऐलान किया गया था।