पाकिस्तान पर हो सकती है एक और सर्जिकल स्ट्राइक, अब भारत के दोस्त ने चेताया
नई दिल्ली- पाकिस्तान की आतंकवाद परस्ती से अकेले भारत ही परेशान नहीं है। सभी पड़ोसी मुल्क उस दहशतगर्दी की सजा भुगतने को मजबूर हैं, जिनकी जड़ें पाकिस्तान में जमी हुई हैं। जब भारत के सब्र का बांध टूटा तो दुनिया ने बालाकोट जैसा एक्शन देखा। अब भारत के मित्र राष्ट्र ईरान भी वैसी ही कार्रवाई करने की सोच रहा है। माना जा रहा है कि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद ईरानी सेना का भी हौसला बढ़ गया है। उसने पाकिस्तान को चेताया है कि वह आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करे या फिर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
ईरान के गुस्से का तात्कालिक कारण
भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया तो उसके पीछे पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद का हमला था। यह आतंकवादी घटना बीते 14 फरवरी की है। उसके ठीक एक रोज पहले यानी 13 फरवरी को जैश-अल-अद्ल के आतंकियों ने ईरान के रिवॉल्युशनरी गार्ड्स की बस पर हमला करके 27 जवानों की हत्या कर दी थी।
मतलब जिस आग के चलते भारत उबल रहा है, वही आग ईरान की जनता के सीने में भी लगी हुई है। गौरतलब है कि जैश-अल-अद्ल भी पाकिस्तान से संचालित होता है और रिवॉल्युशनरी गार्ड्स पर हमले में कम से कम तीन पाकिस्तानी आतंकी के शामिल होने के सबूत हैं। जैश-अल-अद्ल ने भी जैश-ए-मोहम्मद की तर्ज पर हमले की जिम्मेदारी ले चुका है। लेकिन, पाकिस्तान उनपर भी कार्रवाई से आनाकानी कर रहा है, जिसके चलते ईरान का धैर्य टूट रहा है।
पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई को तैयार बैठा है ईरान
ईरान भी भारत की तरह अपने सैनिकों के ऊपर हुए आतंकी हमले का बदला लेना चाहता है। वहां की सरकार और सेना सभी पाकिस्तान में मौजूद आतंकी कैंप्स पर कार्रवाई चाहते हैं। ईरानी इस्लामिक रिवॉल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर अली जाफरी ने आतंकवादियों की मदद के लिए पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि," पाकिस्तान को पता होना चाहिए कि अब पाकिस्तानी खुफिया संगठनों से जैश-ए-अद्ल को समर्थन मिलने की कीमत पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी और इसमें कोई शक नहीं कि उनके लिए यह कीमत बहुत ही बड़ी होगी।"
माना जा रहा है कि ईरान की ओर से जो चेतावनी दी गई है, उसे वहां के सबसे बड़े नेता अयातुल्लाह खुमैनी का भी समर्थन है। ईरानी इस्लामिक रिवॉल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स सबसे प्रभावी कमांडर जेनरल कासिम सोलिमानी ने पाकिस्तान से कहा है कि,"आप किधर जा रहे हैं? आपने अपने सभी पड़ोसियों के साथ लगने वाली सीमा को अशांत कर दिया है और क्या आपका कोई और पड़ोसी बचा है, जिसे आप असुरक्षित करना चाहते हैं?" ये पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान को ईरान के सामर्थ्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। जबकि वहां की संसद के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष ने और भी सख्त अंदाज में कहा है कि अगर पाकिस्तान सीमापार से जारी हमलों को रोकने में नाकाम रहता है, तो ईरान पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई करेगा।
आतंकवाद के खिलाफ जंग में भारत के साथ है ईरान
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ा है। भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले भी इसी सिलसिले में ईरान जाने वाले थे, लेकिन पाकिस्तान के साथ मौजूदा तनाव शुरू हो गया। इसलिए ये बात निश्चित है कि दोनों देशों के बीच अब आगे जब भी बात होगी, तो उसमें मौजूदा हालातों पर चर्चा जरूर होगी।
खुफिया जानकारों के मुताबिक इस समय पाकिस्तान में आईएसआई की देखरेख में 45 से 48 की आतंकवादी संगठन काम कर रहे हैं, जो उसके पड़ोसी देशों में आतंकवादी हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। विशेषज्ञ ये भी मानते हैं कि अगर ईरान पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की सोच रहा है, तो उसे समय नहीं गंवाना चाहिए।