यूक्रेन विमान हादसे की जिम्मेदारी लेने पर कोहराम, ईरान में सुप्रीम लीडर खामनेई के खिलाफ गुस्सा भड़का
नई दिल्ली- ईरान में हुए यूक्रेन के विमान हादसे की असलियत कबूल करना ईरान को अपने ही देश में भारी पड़ रहा है। इस घटना के सामने आने के बाद दुनिया के कई देशों में ईरान के खिलाफ गुस्सा तो है ही, अब वहां के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई के खिलाफ ही लोग सड़कों में उतर आए हैं। खामनेई के खिलाफ गुस्सा कुछ इस कदर भड़का हुआ है कि प्रदर्शनकारी 'तानाशाह को मौत' देने के नारे तक लगा रहे हैं और उनसे फौरन इस्तीफे की मांग की जा रही है।
ईरान में 'तानाशाह को मौत' के लग रहे नारे
ईरान ने शनिवार को ही आधिकारिक तौर पर माना था कि उसकी सेना ने यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस के विमान को गलती से मार गिराया था। ये हादसा तेहरान एयरपोर्ट से विमान के उड़ान भरने के कुछ मिनटों बाद ही हुआ था। देर से तथ्य सामने आने के बाद ईरान का बहुत बड़ा वर्ग अपनी ही सरकार और नेताओं के खिलाफ सड़कों पर उतर आया है। उनके गुस्से की मुख्य वजह ये है कि विमान हादसे में मारे गए 176 लोगों में से ज्यादातर ईरानी नागरिक थे, जिनके पास दोहरी नागरिकता थी। शनिवार को इस घटना के खिलाफ ईरान के सभी बड़े शहरों शिराज, इस्फहान, हामेदान और ओरुमियेह भारी आक्रोश देखा गया। प्रदर्शनकारी 'तानाशाह को मौत' देने के नारे तक लगा रहे हैं। वहीं ज्यादातर प्रदर्शनकार आयतुल्ला अली खामनेई को फौरन उनके पद से हटाए जाने की मांग कर रहे हैं।
'देर से गलती मानने की वजह से भड़के लोग'
दरअसल, इस हादसे पर तभी से संदेह जताए जाने लगे थे, जिस दिन यूक्रेन का विमान तेहरान एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही कुछ देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। क्योंकि, यह वही समय हुआ था जब ईरान अमेरिका को सबक सिखाने के लिए इराक में उसके सैन्य अड्डों पर मिसाइलें दाग रहा था। शनिवार को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने खेद जताते हुए माना था कि यह घटना मानवीय भूल की वजह से हुई जिसे उन्होंने 'माफ नहीं किए जाने लायक भूल' बताया था। जबकि, शुरू में ईरान ने इससे बार-बार इनकार करते हुए इसे महज हादसा करार दिया था। अब ईरान के कई अखबार और वहां के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के टॉप कमांडर भी कह रहे हैं कि जनता का गुस्सा इसलिए भड़का है, क्योंकि सरकार ने गलती स्वीकार करने में बहुत देरी कर दी कि विमान हादसा मिसाइल लगने की वजह से हुआ।
प्रदर्शन में शामिल हुए ब्रिटिश राजदूत को हिरासत में लिया
गौरतलब है कि शनिवार को ईरानी अधिकारियों ने ब्रिटिश राजदूत को भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के चलते हिरासत में ले लिया था। ईरान ने ब्रिटिश राजदूत को वहां शासन-विरोधी प्रदर्शनकारियों को उकसाने के आरोप में पकड़ा था। करीब एक घंटे तक हिरासत में रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इस घटना के बाद ब्रिटेन ने ईरान को चेतावनी दी है कि वह हालात को और बिगाड़ना चाहता है या तनाव को कम करके राजनयिक रास्ते के जरिए इसे सुलझाना चाहता है। जानकारी के मुताबिक तेहरान में अमीरकबीर यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के बाहर छात्रों के विरोध प्रदर्शन में ब्रिटिश राजदूत मैकेयर भी शामिल हुए थे। क्योंकि, इस हादसे में कई विदेशी नागरिकों की भी मौत हुई है।
अमेरिका ने दी ईरान को चेतावनी
उधर अमेरिका भी ईरान में बदले हालात पर नजदीकी नजर रख रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके लिखा है, 'हम आपके प्रदर्शनों पर नजदीकी निगाह रख रहे हैं और आपकी साहस से प्रेरित हुए हैं।' उन्होंने ईरान को चेताने की कोशिश की है कि, 'शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर एक और नरसंहार नहीं होना चाहिए, न ही इंटरनेट बंद किया जाना चाहिए। पूरी दुनिया देख रही है।'