संक्रमित यात्रियों को लेकर उड़ता रहा इस कंपनी का विमान, कई देशों में Coronavirus फैलाया
नई दिल्ली- ईरान की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी ने अकेले कई देशों में कोरोना वायरस फैला दिया। खबरों के मुताबिक ईरान सरकार की ओर उड़ानों पर सख्त पाबंदी के बावजूद वहां के महान एयर ने देश-विदेश से यात्रियों को ढोना लगातार जारी रखा और वह अपनी फ्लाइट में कोरोना वायरस से संक्रमित यात्रियों को भी ढोता रहा, जिसकी वजह से कई देशों कोरोना फैल गया। सबसे बड़ी बात ये है कि जिन देशों की इस एयरलाइन के विमानों ने यात्रा की उसने भी उसे अपने यहां लैंडिंग से मना नहीं किया, जबकि खुद ईरान में इस पर रोक लगी हुई थी। यही नहीं जब महान एयर बेझिझक उड़ानें भर रहा था, तब ईरान मध्य-पूर्व एशिया में कोरोना वायरस का एपिसेंटर बनकर उभर चुका था।
'महान एयर' ने किया सबसे गिरा हुआ काम
बीबीसी अरबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान की सबसे बड़ी एयरलाइन महान एयर कई देशों तक कोरोना वायरस फैलाने का जिम्मेदार है। क्योंकि, उसने अपनी सरकार की उड़ान संबंधी पाबंदियों को भी नहीं माना और मुख्य तौर पर यही मध्य-पूर्व एशिया में कोरोना वायरस फैलने का सबसे कारण बना। रिपोर्ट में लंबी छानबीन के बाद दावा किया गया है कि ईरान में शुरू से ही कोविड-19 के संक्रमण का बुरा हाल था, बावजूद इसके महान एयर के सैकड़ों विमानों ने ईरान से इराक, संयुक्त अरब अमीरात और सीरिया जैसे देशों के लिए उड़ानें भरीं और संक्रमित यात्रियों को एक-दूसरे देशों तक पहुंचाता रहा।
पाबंदी के बावजूद उड़ता रहा महान एयर का विमान
आशंका है कि महान एयर के अधिकतर फ्लाइट्स से कोरोना वायरस पॉजिटिव यात्रियों ने सफर किया और ये खेल जनवरी के आखिर से मार्च के अंत तक बेरोक-टोक जारी रहा। इन सभी देशों ने महान एयर को अपनी धरती पर लैंडिंग की इजाजत दी। सबसे बड़ी बात ये है कि यह अनुमति तब दी गई, जब उन्होंने खुद ही पहले से ही ईरान से आने वाली सभी नियमित उड़ानों पर रोक लगा रखी थी।
ईरानी रिवॉल्युशनरी गार्ड से संबंधों के चलते मिली इजाजत!
सबसे डराने वाली बात तो यह है कि महान एयरलाइन सूत्रों के हवाले से ही बताया गया है कि इसके दर्जनों केबिन क्रू में कोविड-19 के लक्षण साफ नजर आ रहे थे और जब स्टाफ ने एयरलाइंस मैनेजमेंट को इस संकट के बारे में बताया और सेफ्टी इक्विपमेंट की मांग की तो उन्हें डरा-धमका कर चुप करा दिया गया। गौरतलब है कि ईरान के ताकतवर ईरानी रिवॉल्युशनरी गार्ड से संबंधों होने की वजह से अमेरिका ने महान एयर पर पाबंदी लगा रखी है। और शायद यही वजह है कि ईरान ने उसे चीन आने-जाने कि अलिखित इजाजत दे दी थी।
महान एयर ने ही चीन से ईरान लाया कोरोना ?
जानकारी के मुताबिक इराक और लेबनान में कोविड-19 का जो पहला आधिकारिक मामला सामने आया वह भी महान एयर से ही पहुंचा था। हैरानी की बात है कि जब ईरान में कोरोना ने कहर बरपाना शुरू किया था तो उसने फौरन चीन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी थी। बावजूद इसके महान एयर के विमान 31 जनवरी से बीते 20 अप्रैल तक चीन से उड़ानों की आवाजाही में लगे रहे। यह खुलासा फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के विश्लेषण के आधार पर हुआ है। और अब इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि ईरान इसी वजह से इतने भयंकर तरीके से कोरोना की चपेट में आ गया।
महान एयर की झूठ का पर्दाफाश
सबसे गंभीर बात ये है कि ये सब ईरान के सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए की गईं। एयरलाइंस का दावा है कि वह राहत सामग्रियों को ढोने में लगा हुआ था। लेकिन, फ्लाइट डेटा रिकॉर्ड भी बताते हैं कि 5 फरवरी तक 6 विमानों में राहत सामग्रियां ढोई गईं और 4 में चीन से ईरानी नागरिकों को ईरान लाया गया। लेकिन, यह पूरी सच्चाई नहीं है। तहकीकात से पता चला है कि उस तारीख के बाद भी 157 उड़ानें भरी गईं। बड़ी बात ये है कि जब ईरान को खुद ही कुछ सूझ नहीं रहा था तो वह चीन को क्या मदद भेज रहा होगा यह बहुत बड़ा सवाल है।
कितने देशों तक पहुंचाया कोरोना ?
जाहिर है कि जिस समय चीन में कोरोना का कहर चरम पर था, तब अकेले महान एयर का विमान ही वहां से लोगों को ईरान तक ला रहा था और फिर मध्य पूर्व के दूसरे देशों तक भी पहुंचा रहा था। इस समय तक ईरान में भी हालत बिगड़नी शुरू हो चुकी थी। यहां यह बताना जरूरी है कि जो विमान चीन से तेहरान आते थे, वही आगे बार्सिलोना, दुबई, कुआलालंपुर और इस्तांबुल भी जाते थे। यानि इन विमानों ने चीन से कोरोना को ढोने का ही काम किया।
महान एयर का ट्रैक रिकॉर्ड खराब
इस
विमान
कंपनी
का
ट्रैक
रिकॉर्ड
पहले
से
ही
खराब
है।
अमेरिका
2011
में
ही
इसपर
आतंकवाद
का
समर्थक
होने
का
आरोप
लगा
चुका
है।
सऊदी
अरब
में
भी
इसकी
एंट्री
बैन
है
और
न
ही
यह
जर्मनी,
फ्रांस,
स्पेन
या
इटली
में
उतर
सकता
है।
(कुछ
तस्वीरें
सौजन्य-
सोशल
मीडिया)