IPL FINAL: 'कई हादसे-कई चमत्कार' आप भुला नहीं पाएंगे आईपीएल का ये साल
मुंबई इंडियन्स की जीत के अलावा भी आईपीएल-13 में ऐसा बहुत कुछ था जिसका ज़िक्र होता रहेगा.
सिर्फ़ आखिरी सीन देखेंगे तो लगेगा कि इसमें नया क्या है?
चैंपियन के बोर्ड के पीछे खड़े नीली जर्सी वाले खिलाड़ी. जर्सी पर जाना पहचाना नाम. मुंबई इंडियन्स. खिलाड़ियों के हाथ में आईपीएल की चमकती सुनहरी ट्रॉफ़ी. खिलाड़ियों के साथ मौजूद टीम ओनर नीता अंबानी और पीछे जगमगाती आतिशबाज़ी. ऐसी तस्वीरें कई बार दिखी हैं. पांच बार.
लेकिन, इसके कुछ ही वक़्त पहले ही तस्वीरों पर नज़र डालेंगे तो साफ़ हो जाएगा कि साल 2020 में खेला गया आईपीएल का 13वां सीज़न बाकी बरसों से काफ़ी अलग था.
मुंबई की जीत के बाद पूर्व क्रिकेटर और सोशल मीडिया पर अपने जुमलों के लिए चर्चित वीरेंद्र सहवाग ने मुंबई की जीत की आदत के साथ इस साल के बाकी बरसों से अलग होने का ज़िक्र किया.
अंतर सिर्फ़ ये नहीं था कि अब तक मुंबई इंडियन्स ने विषम संख्या वाले सालों में ट्रॉफी जीती थी. ये साल थे 2013, 2015, 2019 और 2019 और इस बार ये टीम सम संख्या वाले साल यानी 2020 में चैंपियन बनी.
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अलग था 2020 का आईपीएल
लेकिन 2020 के अलग होने वजह कुछ और भी थी. इसकी झलक मंगलवार की रात दुबई के मैदान पर भी दिखी. दिल्ली कैपिटल्स को पांच विकेट से हराकर चैंपियन बनी मुंबई इंडियन्स टीम के खिलाड़ी ट्रॉफी थामने के लिए मैदान में आए तो ज़्यादातर के चेहरे पर मास्क थे. कई खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ ने सर्जिकल ग्लव्स पहने हुए थे.
इसकी वजह से कोई अनजान नहीं. इसकी वजह थी कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में फैली बीमारी कोविड-19. इसी बीमारी के चलते आईपीएल मार्च-अप्रैल के बजाए सितंबर-नवंबर में खेला गया. टूर्नामेंट का आयोजन भारत की जगह संयुक्त अरब अमीरात में हुआ. खिलाड़ी पूरे टूर्नामेंट के दौरान बायो बबल में थे. मैदान खाली थे यानी दर्शकों को आने की इजाज़त नहीं थी और टीवी पर मैच के प्रसारण के दौरान तालियों और फैन्स के पहले से रिकॉर्ड आवाज़ को चलाया जाता था.
दुबई, अबू धाबी और शारजाह के मैदानों में खेले गए शुरुआती मैचों में गर्मी ने खिलाड़ियों को परेशान किया और बाद के मैचों में ओस मुसीबत बनने लगी.
फीकी पड़ी चेन्नई की चमक
टूर्नामेंट की शुरुआत के पहले ही कोविड-19 ने पिछली बार की रनर्स अप और कुल तीन बार आईपीएल चैंपियन बनी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को पटरी से उतार दिया. सुरेश रैना और हरभजन सिंह जैसे स्टार खिलाड़ी टीम से अलग हो गए. आखिरी तीन मैच में चेन्नई के लिए जीत दिलाने वाली हाफ सेंचुरी जमाकर मैन ऑफ द मैच बने ऋतुराज गायकवाड़ कोविड-19 की चपेट में आ गए और उन्हें कई मैच मिस करने पड़े.
नतीजा, 'मैजिकल' होने का तमगा रखने वाले दुनिया के सबसे कामयाब कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी का जादू भी उतर गया. लगभग हर बार टॉप टीमों में शुमार रही चेन्नई सुपरकिंग्स सातवें पायदान पर रही.
धोनी ख़ुद भी बल्ले से करिश्मा नहीं कर पाए. लेकिन, वो पूरी तरह से हाशिए पर नहीं रहे. 40 बरस के होने जा रहे धोनी टूर्नामेंट के दूसरे सबसे कामयाब विकेट कीपर रहे. उन्होंने कुल 16 शिकार किए. कामयाब विकेटकीपरों में धोनी के आगे सिर्फ़ चैंपियन टीम मुंबई इंडियन्स के क्विंटन डि कॉक रहे जिन्होंने 22 शिकार किए.
आईपीएल-13 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर डीन जोंस का दिल का दौरान पड़ने की वजह से निधन हो गया. वो आईपीएल की कमेंट्री कर रही टीम का हिस्सा थे और मुंबई में थे.
सुपर रोमांच
लेकिन, आईपीएल-13 सिर्फ़ तकलीफ देने वाली और सुपरस्टार्स की चमक उतार देने के लिए ही याद नहीं किया जाएगा. टूर्नामेंट के दौरान खेले गए कई रोमांचक मैच और उम्दा प्रदर्शन भी याद रह जाएंगे.
कई मैचों में ऐसी कांटे की टक्कर दिखाई दी और पलड़ा इतनी बार उलटा-पलटा कि सारे अनुमान धरे रह गए. आईपीएल-13 में चार मैच टाई हुए. फ़ैसला सुपर ओवर के जरिए हुआ.
मुंबई इंडियन्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच टाई हुए मुक़ाबले में पहला सुपर ओवर भी टाई रहा. नतीजे के लिए दूसरे सुपर ओवर का सहारा लेना पड़ा.
टूर्नामेंट में कुल पांच शतक बने. किंग्स इलेवन पंजाब के ओपनर केएल राहुल और मयंक अग्रवाल के बल्ले से एक-एक शतक निकले. दिल्ली के ओपनर शिखर धवन ने लगातार दो मैचों में दो शतक बना दिए और एक शतक राजस्थान के बेन स्टोक्स ने बनाया.
किंग्स इलेवन पंजाब के क्रिस गेल और मुंबई इंडियन्स के ईशान किशन एक-एक रन से शतक बनाने से रह गए. ये दोनों बल्लेबाज़ 99-99 रन पर आउट हुए. टूर्नामेंट में 516 रन के साथ ईशान मुंबई के सबसे कामयाब बल्लेबाज़ रहे और 30 छक्के जमाकर टूर्नामेंट में सिक्स जड़ने में भी नंबर वन रहे.
छक्के जमाने की बात हो तो राहुल तेवतिया को भी याद किया जाएगा. राजस्थान के ऑलराउंडर तेवतिया ने किंग्स इलेवन पंजाब के ख़िलाफ़ मैच में शेल्डन कॉटरेल के एक ही ओवर में पांच छक्के जड़ दिए. उनके इस कमाल ने राजस्थान को लगभग हाथ से निकले मैच में जीत दिला दी.
विरोधियों के ऐसे ही करिश्मे ने किंग्स इलेवन पंजाब को अपने कप्तान और टूर्नामेंट के सबसे कामयाब बल्लेबाज़ केएल राहुल के बल्ले से निकले 670 रन का उतना फ़ायदा हासिल नहीं होने दिया. राहुल की पंजाब टीम शुरुआती सात में से सिर्फ़ एक मैच जीत पाई थी. उसके बाद इस टीम ने लगातार पांच मैच जीते लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स ने आखिरी मैच में उनकी उम्मीद पर पानी फेर दिया.
नए शिखर पर दिल्ली
इतिहास रचने की उम्मीद श्रेयस अय्यर भी लगाए हुए थे. कोच रिकी पॉन्टिंग से गुरु मंत्र लेने वाले अय्यर दिल्ली कैपिटल्स को फ़ाइनल तक ले जाने वाले पहले कप्तान बने. 519 रन के साथ वो अपनी टीम के धवन के बाद दूसरे सबसे कामयाब बल्लेबाज़ भी रहे लेकिन आखिरी मोर्चे पर टीम को जीत नहीं दिला सके.
ट्रॉफी हाथ से फिसलने के बाद अय्यर ने कहा, "मुझे अपने खिलाड़ियों पर गर्व है. फ़ाइनल तक पहुंचना भी छोटी कामयाबी नहीं है. हम ज़्यादा मजबूत होकर लौटेंगे और देखेंगे कि क्या हम ट्रॉफी जीत सकते हैं."
कप्तान पर कुर्बान
फ़ाइनल में भी कुछ लम्हे ऐसे थे जो दिलो-दिमाग पर अलग छाप छोड़ गए. इनमें से एक था सूर्यकुमार यादव का रन आउट होना. कप्तान रोहित शर्मा की ग़लत कॉल पर सूर्यकुमार यादव ने अपना विकेट क़ुर्बान कर दिया.
क्रिकेटर मनोज तिवारी ने इसके लिए ट्विटर पर सूर्यकुमार यादव की तारीफ की.
रोहित शर्मा ने भी सूर्य कुमार के विकेट देने का ज़िक्र किया. रोहित ने कहा, "सूर्या जिस तरह की फॉर्म में हैं, उसे देखते हुए मुझे अपना विकेट क़ुर्बान कर देना चाहिए था. मैं उन्हें श्रेय दूंगा. ऐसा करना आसान नहीं है. "
सूर्य कुमार यादव ने आईपीएल-13 में मुंबई के लिए 480 रन बनाए. हालांकि, फ़ाइनल में रोहित शर्मा ने उनके सस्ते में आउट होने की कमी टीम को नहीं खलने दी.
और, भले ही नतीजा अप्रत्याशित न रहा हो लेकिन जब मुंबई इंडियन्स ने ख़िताब जीता तो इस टीम के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर से लेकर अभिनेता अमिताभ बच्चन तक ट्विटर पर चहक उठे.
ये कामयाबी उस टीम की है जिसका कोई खिलाड़ी न तो रन बनाने में नंबर वन रहा. न विकेट लेने में. लेकिन प्रदर्शन के मोर्चे पर मुंबई की टीम अव्वल रही और 'फ़ेयर प्ले' अवॉर्ड भी अपने नाम करने में कामयाब रही