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Exclusive Interview: सड़क का डॉक्टर, जो करते हैं मुफ्त इलाज

By Ajay Mohan
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[अजय मोहन] हाल ही में हैदराबाद में रहने वाले गंगाधर तिलक कटनम चर्चा का विषय बन गये। गंगाधर के बारे में जिस किसी को भी पता चलता है, वो उन्हें फोन करने लगता है। जरा सोचिये इस वक्त गंगाधर अमेरिका में हैं, लेकिन उनके फोन पर मिस्ड कॉल पर मिस्ड काल और एसएमस पर एसएमएस आना जारी हैं। उनके फोन पर मिस्डकॉल यानी सड़क पर नया गड्ढा! जी हां उन्हीं गंगाधर की बात कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी सारी पेंशन सड़क के गड्ढे भरने में लगा दी। आज लोग तिलक को सड़क का डॉक्टर पुकारते हैं।

Ajay Mohan

वनइंडिया ने जब गंगाधर जी से संपर्क किया, तो पता चला वे अमेरिका में हैं, लिहाजा सारी बातचीत फोन पर हुई। मजेदार बात यह है कि आधे घंटे की कॉल में एक से एक बेहतरीन आईडिया निकलकर सामने आये।

कौन हैं गंगाधर तिलक कटनम?

गंगाधर तिलक का जन्म वेस्ट गोदावरी के एक छोटे से गांव येरणागुडम में एक गरीब किसान के घर पर हुआ। कठिन परिस्थ‍ितियों के बीच गांव में ही रहकर 10वीं तक पढ़ाई की। उसके बाद आप एलुरु आ गये, जहां से 12वीं की पढ़ाई की। फिर एसएमवीएम पॉलीटेक्न‍िक से इलेक्ट्र‍िकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा। और फिर भारतीय रेलवे में नौकरी लगी। भारतीय रेल से बतौर असिस्टेंट सिगनल इंस्पेक्टर रिटायर हुए। रिटायरमेंट के बाद भी तिलक घर नहीं बैठे और एक साल बाद इंफोटेक एंटरप्राइज़ में बतौर डिजाइन इंजीनियर (कंसल्टेंट) ज्वाइन किया।

जाहिर है रेलवे से रिटायर होने पर तिलक को पेंशन मिलना शुरू हुई, लेकिन इस पेंशन को तिलक ने अपने परिवार पर खर्च करने के बजाये सड़क पर गड्ढे भरने पर खर्च करना शुरू कर दिया।

किस घटना ने झकझोर दिया तिलक को?

अक्टूबर 2008 में रिटायरमेंट के बाद जब तिलक ने एक प्राइवेट फर्म ज्वाइन की, तो ऑफिस जाते वक्त उन्होंने देखा कि एक कार तेजी से गड्ढे के ऊपर से निकली और स्कूल जाती हुई बच्ची की पूरी यूनीफॉर्म पर कीचड़ लग गया। ड्राइवर ने कार रोकी, माफी मांगी और चला गया। दूसरे ही दिन उसी सड़क पर एक ऑटो बस से टकरा गई, जिसमें एक युवक बुरी तरह घायल हो गया, उसके दोनों पैर चले गये। इन दो घटनाओं ने तिलक को झकझोर कर रख दिया, क्योंकि वो एक प्रत्यक्षदर्शी थे। पुलिस ने इसे बेतरतीब ड्राइविंग का नतीजा बताया, जबकि सच तो उस गड्ढे में छिपा था।

तिलक ने दूसरे ही दिन मौरंग गिट्टी मंगवायी और उस गड्ढे को भर दिया। इस छोटे से काम में तिलक को एक अजब सा सुकून मिला। फिर क्या था उन्हें जब भी कोई गड्ढा दिखता, वे उसे भर देते।

नगर निगम के लिये शर्मनाक

तिलक का यह सोशल वर्क वाकई में प्रेरित करने वाला है, लेकिन नगर निगम के लिये यह शर्म की बात है, जिसके पास भारी भरकम इंफ्रास्ट्रक्चर होते हुए भी सड़कों के गड्ढे भर नहीं पाते। उन्होंने बताया कि जब भी कोई गड्ढा दिखाई देता है, वे पहले नगर निगम को सूचित करते हैं, अगर भर गया तो ठीक, नहीं तो वे खुद उसे भर देते हैं। पिछले 5 वर्षों में वे 1 हजार से ज्यादा गड्ढे भर चुके हैं। एक बार में मौरंग, गिट्टी मंगवाने में चार से पांच हजार रुपए का खर्च आता है, जो वे खुद देते हैं।

सुपर स्पेश‍ियालिटी अस्पताल बाद में पहले गड्ढे भरे सरकार

इन गड्ढों के पीछे की सोच के बारे में जब हमने पूछा तो तिलक ने कहा कि सरकार एक सुपर स्पेश‍ियालिटी अस्पताल स्थापित करने पर 100 से 1000 करोड़ रुपए तक खर्च करती है। उतने खर्च के बाद भी जान बचेगी या नहीं कोई गारंटी नहीं, जबकि गड्ढा भरने से आप सड़क से गुजरने वाले हजारों लोगों की जान बचा सकते हैं।

मल खाने के समान ब्लैकमनी!

तिलक मानते हैं कि अगर कोई नेता या सरकारी अध‍िकारी या कर्मचारी, अपनी जिम्मेदारियों से भाग कर काला धन जमा करता है और घर ले जाता है, तो वह महज मल खाने के समान है। क्योंकि जनता के पैसे पर अगर आप अपने बच्चों को ऐश कराते हैं, तो उससे बुरा कुछ हो ही नहीं सकता।

परिवार ने ऑबजेक्शन नहीं किया?

यह पूछने पर कि परिवार ने कभी ऑबजेक्शन किया कि नहीं, तिलक ने मजाकिया अंदाज में कहा, "मेरी पत्नी कहती हैं, नौकरी में रहते हुए सैलरी नहीं ली, अब पेंशन लेकर क्या करूंगी!" आगे तिलक ने कहा, "मेरे बेटे ने मुझे हमेशा सपोर्ट किया। वो इस वक्त अमेरिका में कार्यरत है। कहता है, पापा घर के खर्च की चिंता आप मत कीजिये, आपको अगर इस काम में सुकून है, तो आप अपनी पेंशन उस पर खर्च कीजिये।"

नेताओं से वन-टू-वन बात करने की चाहत

बातचीत में तिलक ने कहा, "अगर कभी मौका मिले तो मैं नेताओं और बड़े अध‍िकारियों से वन-टू-वन बात करना जरूर चाहूंगा। क्योंकि मेरे हिसाब से अगर वे और आम जनता चाह जाये, तो भ्रष्टाचार चंद दिनों में खत्म हो सकता है। दूसरी बात नेताओं को देश में बड़े-बड़े काम करने से पहले छोटी-छोटी समस्याएं हल करने की जरूरत है।"

वनइंडिया से खास बातचीत में तिलक ने ऐसे सुझाव दिये जिसे लागू करने पर 2020 तक देश की सड़कें सुंदर बन सकती हैं। क्या है वो सुझाव पढ़ने के लिये क्ल‍िक करें NEXT।

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English summary
Here is an Interview with a Gangadhara Tilak Katnam, who dedicated his pension to fill the potholes on Hyderabad roads.
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