100 भारतीयों के खिलाफ इंटरपोल ने जारी किया ब्लू कॉर्नर नोटिस, 5 महीने से हैं लापता
नई दिल्ली। इंटरपोल ने 100 भारतीयों के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस (बीसीएन) जारी किया है। जो लगभग पांच महीने पहले केरल के मुनंबम बंदरगाह से रवाना हुए थे। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को तस्करी के जरिए विदेश भेजने का खेल चल रहा था। 243 लोग इस रैकेट के शिकार हुए हैं। केरल पुलिस के सूत्रों ने कहा कि केरल बंदरगाह से रवाना होने के बाद से लापता हुए 120 लोगों के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस का अनुरोध किया गया था। इंटरपोल ने लापता लोगों में से 100 के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किए हैं।
ब्लू कॉर्नर नोटिस आपराधिक व्यक्ति के बारे में जानकारी का पता लगाने, पहचानने के लिए इंटरपोल द्वारा जारी किया जाता है। यह जांचकर्ताओं को आपराधिक मामलों में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों पर नज़र रखने और दूसरे देशों में संदिग्ध का पता लगाने में मदद करता है। केरल से रवाना होने के 5 महीने बाद भी 243 लोगों से भरी नौका का कोई पता नहीं चल रहा है। इस नौका में श्रीलंका के तमिल भी थे जो बेहतर जीवन के लिए एक अनजान विदेशी धरती के लिए रवाना हुए थे।
लापता लोगों में से एक के परिवार ने दावा किया कि उसे समूह के एक सदस्य का फोन आया था। उसने कहा था कि कॉल अल्जीरिया से कर रहा है। समूह के लिए अन्य संभावित गंतव्य ऑस्ट्रेलिया होने का संदेह जताया जा रहा है। हालांकि, अल्जीरिया और ऑस्ट्रेलिया की सरकारों ने पुष्टि की है कि उन लोगों को ले जाने वाली नाव वहां नहीं पहुंची है। केरल ने सूत्रों से उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर लापता व्यक्तियों के अल्जीरिया या ऑस्ट्रेलिया जाने की संभावना से भी इनकार किया है।
ये लोग केरल से धाया माथा-2 नाम की एक नाव में सवार होकर निकले थे। मुख्य जांच अधिकारी एएसपी एमजे सोजन ने कहा, 'लोगों ने 12 जनवरी एक आदमी की यात्रा के लिए तीन लाख रुपये दिया था। हम नहीं जानते हैं कि वे लोग कहां गए हैं। हमने 10 लोगों को अरेस्ट किया है। नाव में सवार कई श्रीलंका के तमिल अशिक्षित, बेरोजगार थे और दिल्ली में इधर, उधर काम करते थे। उन्हें विदेश में अच्छे जीवन का सपना दिखाया गया। नाव में लापता लोगों में कई ऐसे हैं जिन्होंने लोन लेकर या फिर गहने बेचकर तस्कर को 3 लाख रुपये दिया थे।
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